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Uttarakhand 5000 contract Samvida outsource employee regular permanent cabinet take cut off date decision soon on Regularization Rules policy latest news today
Image : सांकेतिक फोटो ( Uttarakhand contract Samvida employee)

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उत्तराखण्ड में जल्द पक्के होंगे 5000 संविदा आउटसोर्स कर्मचारी, कैबिनेट लेगी बड़ा फैसला

Uttarakhand contract Samvida employee  : प्रदेश में जल्द पक्के होंगे 5000 अस्थाई कर्मचारी, कैबिनेट की मंजूरी के लिए जल्द पेश होगा प्रस्ताव

Uttarakhand 5000 contract Samvida outsource employee regular permanent cabinet take cut off date decision soon on Regularization Rules policy latest news today  : उत्तराखंड सरकार की ओर से राज्य में तैनात अस्थाई कर्मचारियों से जुड़ी एक राहत की खबर सामने आ रही है ,कि राज्य सरकार जल्द ही 5000 से ज्यादा अस्थाई कर्मचारियों को पक्का करने की तैयारी में है। जिसके लिए कार्मिक विभाग ने विनियमितीकरण नियमावली का नया खाका तैयार कर लिया है, जिसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। सूत्रों की माने तो हाई कोर्ट के आदेश के बाद तैयार की गई नई नियमावली में सेवा की अवधि की शर्त को फिर से 10 वर्ष किया गया है जिसमें केवल कट ऑफ डेट को लेकर असमंजस है। हालांकि इस पर कैबिनेट के स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। जिससे यह तय है कि राज्य के करीब 5000 से अधिक अस्थाई कर्मचारियों की नौकरी जल्द पक्की होगी।

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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में लंबे समय से अस्थाई कर्मचारी अपनी नौकरी पक्की होने का इंतजार कर रहे थे जिनका इंतजार अब जल्द ही खत्म होने जा रहा है, क्योंकि कार्मिक विभाग ने लंबे प्रयासों के बाद 5000 से अधिक अस्थायी कर्मचारियों को पक्की नौकरी देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय ले लिया है। इतना ही नहीं बल्कि कार्मिक विभाग ने इसका पूरा खाका तैयार कर लिया है जिसमें 2013 की विनियमितीकरण नियमावली में किए गए 5 साल की सेवा की अनिवार्यता को हटाकर पूर्व की तरह इसे 10 साल किया जा रहा है और जल्द ही कैबिनेट में नियमितीकरण की कट ऑफ तय होने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। हालांकि कार्मिक सचिव शैलेश बगौली ने नियमावली के नए प्रावधानों पर टिप्पणी नहीं की लेकिन इसे जल्द कैबिनेट में लाने की तैयारी की पुष्टि की है। इस नीति के लागू होने से करीब 5000 से ज्यादा दैनिक वेतनभोगी ,संविदा, कार्य प्रभारित, नियत वेतन और अंशकालिक कर्मचारियों को स्थाई नौकरी का लाभ मिलने की पूर्ण संभावना है।

कैबिनेट तय करेगी कट ऑफ

बताते चले कैबिनेट स्तर पर विनियमितीकरण के लिए कट ऑफ तारीख तय की जानी अभी बाकि है। गौर हो हाई कोर्ट के सख्त रूख के बाद पूर्व में कैबिनेट ने नीति पर परोक्ष सहमति दे दी थी और वर्तमान में प्रस्ताव 10 साल के मानक के अनुसार दिसंबर 2018 से 10 साल पहले नियुक्त दैनिक वेतन कार्य प्रभारित , अंशकालिक और तदर्थ रूप से कार्मिकों को लिया जाना है जिससे वर्ष 2008 इसकी कट ऑफ हो जाएगी। हालांकि सरकार ज्यादा से ज्यादा कार्मिकों को विनियमितिकरण का लाभ देना चाहती है इसलिए इस कट ऑफ को कुछ हद तक संशोधित किया जा सकता है।

उपनल कर्मचारियों के विनियमितिकरण पर भी पड़ेगा असर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के अनुसार राज्य में उपनल कर्मचारी के नियमितीकरण के लिए भी नीति बनाई जा रही है। जिसमें प्रमुख सचिव सीएम आरके सुधांशु की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति नीति का खाका तैयार किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो समिति नीति बनाने के लिए उपनल कार्मिकों का ब्योरा जुटाने के साथ-साथ कार्मिक विभाग की विनियमितीकरण नियमावली भी पारित होने का इंतजार कर रही है। इसके लागू होने से उपनल कर्मियों के नियमितीकरण को भी इससे जोड़ा जा सकेगा।

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