Chamoli lavli arushi help : बरसात के मौसम में जर्जर हुई घर की छत, कभी भी हो सकता है हादसा, पिता का हो चुका है देहांत, माँ डेढ साल से लापता, मुश्किल में चमोली की बेटियां, मदद के लिए बढ़ाए हाथ , मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले का लिया संज्ञान..
Chamoli girl lavli arushi viral video need help dasholi block khuneri : उत्तराखंड के चमोली जिले से एक बेहद भावुक कर देने वाला मामला सामने आ रहा है जहां पर बरसात के मौसम में जर्जर भवन कभी भी बड़े हादसे को दावत दे सकता है। दरअसल घर मे रह रही दो मासूम बच्चियों के पिता का कुछ समय पहले निधन हो चुका है जबकि उनकी मां डेढ़ साल से लापता है ऐसे में इन बेटियों का सहारा कौन बनेगा ये बेहद चिंतनीय विषय है जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है हालांकि वीडियो के वायरल होते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले का संज्ञान लेते हुए डीएम को बच्चियों की मदद करने के निर्देश दिए हैं।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार चमोली जिले के दशोली ब्लॉक के खैनुरी गांव की निवासी 14 वर्षीय लवली और 10 वर्षीय आरुषि अपने छोटे भाई के साथ जर्जर घर में किसी तरह से अपनी जिंदगी काट रही है लेकिन घर की स्थिति यहां तक आ पहुंची है कि एक बरसात में ही घर की पूरी छत कभी भी नीचे गिर सकती है जिसके चलते तीन मासूम जिंदगियों पर खतरा मंडरा रहा है।
पिता की हार्ट अटैक से गई जिंदगी
ऐसे में इन तीन जिंदगियों का सहारा कौन बनेगा यह बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है ,क्योंकि बच्चों की मां डेढ़ साल पहले ही लापता हो गई थी जिसका काफी समय से कुछ पता नहीं चल सका। वही बच्चों के पिता की भी डेढ महीने पहले हार्ट अटैक से जिंदगी चली गई इसके बाद मानो बच्चे बेसहारा हो गए है । फौजी बनने का सपना लिए आरुषि अपने पिता को याद करते हुए रो उठी वही लवली हिम्मत जुटाते हुए जवाब देती जाती है ।
ताऊ की देखरेख मे बच्चे
लवली के ताऊ वीरेंद्र सिंह किसी तरह से अपने बच्चों के साथ-साथ इन बेसहारा बच्चों की देखरेख भी कर रहे हैं लेकिन ऐसी स्थिति में वो लवली की मदद कैसे करें क्योंकि उनकी स्थिति भी कुछ खास नही है । इस पूरे प्रकरण का वीडियो बीते गुरुवार को सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मामले का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने समाज कल्याण विभाग और तहसील प्रशासन को खैनुरी गांव भेजा जहाँ पर बच्चियों को आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई गई ।
जल्द लौट आएगी माँ
इतना ही नहीं बल्कि हरिद्वार में रह रही उनकी मां से भी संपर्क कर बच्चियों की स्थिति के बारे में बताते हुए उनसे संवाद स्थापित किया जिस पर महिला ने कहा कि वह जल्द घर लौट आएगी। जिलाधिकारी का कहना है कि मामले में उप जिलाधिकारी को सरकार की ओर से संचालित योजनाओं का बच्चियों की पात्रता के अनुरूप लाभ देने और हर संभव मदद करने के आदेश दिए गए हैं।
लवली के ताऊ ने कहा पक्की छत की है जरूरत
लवली के ताऊ ने सरकार और शासन प्रशासन से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि सबसे पहले बच्चों के लिए एक पक्की छत का इंतजाम हो जाए ये बहुत बड़ी बात है क्योंकि समय-समय पर गांव वाले खाने-पीने में मदद करते हैं लेकिन यह सिलसिला स्थाई नहीं है लवली पढ़ना लिखना चाहती है जिसका सपना है कि वह डॉक्टर बने लेकिन सवाल तो यहीं पर अटकता है कि क्या बच्चियों की मदद हो पाएगी।
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