Uttarakhand School Admission 2023: उत्तराखण्ड के शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने जारी किया आदेश, अभी नहीं अमल में आएगा नई शिक्षा नीति का न्यूनतम 6 वर्ष के बच्चों को पहली कक्षा में दाखिला देने का नियम, पहले की तरह 5 वर्ष के बच्चों को भी मिलेगा एडमिशन….
वैसे तो 1 अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू हो चुका है। स्कूलों में बच्चों के एडमिशन हो रहे हैं, नई कापी किताबों के लिए दुकानों में अभिभावकों की भीड़ भी उमड़ने लगी है। बड़े बच्चों का तो सब सही चल रहा है लेकिन अपने नौनिहालों को पहली बार प्रथम कक्षा में दाखिला दिला रहे अभिभावक इस बार कुछ उधेड़बुन में है। न केवल अभिभावक बल्कि कई स्कूल प्रबंधनों ने भी इस मामले में कुछ हद तक चुप्पी साधी हुई है। दरअसल यह सब नई शिक्षा नीति की वजह से हो रहा है जिसमें प्रथम कक्षा में दाखिला पाने के लिए बच्चे की न्यूनतम आयु 6 वर्ष निर्धारित की गई है। नई शिक्षा नीति में इस प्रावधान से कई अभिभावक अभी तक अपने बच्चे का दाखिला पहली कक्षा में कराने स्कूल तक नहीं पहुंचे हैं। ऐसे अभिभावकों के लिए अब एक अच्छी खबर सामने आ रही है। जी हां… उत्तराखण्ड के शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने इस बात का स्वत: संज्ञान लेते हुए बीते दिनों एक आदेश जारी कर दिया है। जिसमें कहा गया है कि कक्षा एक में पूर्व में निर्धारित उम्र सीमा (5 वर्ष) के अनुसार ही दाखिला दिया जाएगा।
(Uttarakhand School Admission 2023)
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इस संबंध में राज्य के शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान में उत्तराखण्ड के प्राथमिक विद्यालयों में पहली कक्षा में दाखिले के लिए 5 वर्ष की आयु का प्रचलन है। नई शिक्षा नीति के अनुरूप छः वर्ष के बच्चों को पहली कक्षा में दाखिला देने से पूर्व ‘उत्तराखंड निशुल्क एवं बाल शिक्षा का अधिकारी नियमावली 2011 को भी संशोधित किया जाना अनिवार्य है। जिसकी प्रक्रिया अभी शासन स्तर पर गतिमान है। जिसको देखते हुए वर्तमान में पूर्व निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही न्यूनतम 5 वर्ष के बच्चों को पहली कक्षा में दाखिला दिया जाएगा। नियमावली में संशोधन के बाद इस संबंध में आदेश जारी होने के पश्चात ही नई शिक्षा नीति का यह प्रावधान (न्यूनतम 6 वर्ष आयु) राज्य के स्कूलों में लागू किया जाएगा।
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आपको बता दे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पहली कक्षा में 6 साल से अधिक आयु के बच्चों को ही दाखिला देने को लेकर इसी साल फरवरी में राज्यों को निर्देश जारी किए थे। विदित हो कि उत्तराखंड में भी इस शिक्षा नीति को लागू करने की घोषणा प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में ही कर दी थी। जिसके मद्देनजर उत्तराखण्ड के सभी सरकारी गैर सरकारी स्कूलों ने नए शैक्षिक सत्र 2023-24 में 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रथम कक्षा में दाखिला देने से इंकार कर दिया था। जिससे यह असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
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