Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day
alt="uttarakhand chadni struggle"

उत्तराखण्ड

देहरादून

उत्तराखण्ड: चार साल पहले तक भीख मांगती थी चांदनी, अब मुख्य अतिथि बन बयां की अपनी दास्तां

उत्तराखण्ड (uttarakhand): विद्यालय की छात्रा चांदनी ने बतौर मुख्य अतिथि अपने ही विद्यालय में की शिरकत..
alt="uttarakhand chadni struggle"

कहते हैं समय बड़ा बलवान होता है। वह कब बदल जाए इसका आप और हम अनुमान भी नहीं लगा सकते। समय में इतनी ताकत होती है कि वह किसी राजा को भी रंक बना सकता है और किसी गरीब को भी एक अमीर आदमी बनाने की ताकत भी समय के पास होती है। अब आप इसका ताजा उदाहरण खुद ही देख लीजिए जो लड़की चार साल पहले तक उत्तराखण्ड (uttarakhand) की राजधानी देहरादून में भीख मांगने को मजबूर थी, वहीं बीते शुक्रवार को बालिका दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बनकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रही थी। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के देहरादून जिले की रहने वाली चांदनी की। शुक्रवार को बतौर मुख्य अतिथि जब चांदनी ने मंच से अपने बीते दिनों की दुखदाई पलों की यादों को बयां कर भविष्य के सपने साझा किए तो एक ओर जहां कार्यक्रम में उपस्थित लोगों की आंखों से अश्रुओं की धारा बह ग‌ई वहीं दूसरी ओर उसके वर्तमान समय और भविष्य के सपनों को सुनकर लोग चांदनी की प्रशंसा करते हुए तालियां बजाने को मजबूर हो गए। वाकई चांदनी अब समाज में भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों का प्रेरणा स्त्रोत बन गई है।
यह भी पढ़ें- वीडियो :उत्तरायणी कौतिक में प्रियंका महर ने पहाड़ी गीतों से बिखेरा अपनी आवाज का जादू


मंच से चांदनी ने पहले सुनाई अपनी आप-बीती और फिर बताएं अपने सुनहरे भविष्य के हसीन सपने:- बता दें कि राज्य के देहरादून जिले की रहने वाली चांदनी को विकलांग होने के कारण माता-पिता ने दर्शन लाल चौक पर भीख मांगने बैठा दिया था। चार साल पहले तक वह दिन-भर देहरादून के दर्शन लाल चौक पर बैठे रहती थी। हाथ और पैर से दिव्यांग होने के कारण लोग पैसे भी दे देते थे। एक बारगी तो लगने लगा था कि यही मेरी दुनिया है। बतौर मुख्य अतिथि मंच से अपनी ऐसी आपबीती सुनाते हुए चांदनी की आंखें भर आईं। लेकिन थोड़ा सा रूककर चांदनी बोली कि फिर मेरा भी समय बदला। गुरूजनों ने मेरी ऐसी स्थिति देखकर परिजनों से मेरे भविष्य के बारे में बात की और आज मैं दर्शनलाल चौक पर नहीं, बल्कि जीजीआईसी में हूं। भविष्य में मैं टीचर बनकर अपने जैसे हजारों बच्चों को भिक्षावृत्ति से निकालकर उनके सपनों को साकार करना चाहती हूं। अपने इन हसीन सपनों को बयां करते हुए उसकी आवाज में जोश साफ झलक रहा था। इसके साथ ही चेहरे का तेज भी उसके मजबूत इरादों को बयां करने के लिए काफी था।
यह भी पढ़ें- चम्पावत: शहादत की खबर से ही टूट गए सपने टूट गया वादा, राहुल कर गया था पत्नी से एक वादा


एक महीने में ही पढ़ना सीख गई थी चांदनी, अब बाल आयोग ने बनाया कार्यक्रम का मुख्य अतिथि:- शुक्रवार को बालिका दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बाल आयोग ने चांदनी को कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनाया था। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए बाल आयोग अध्यक्षा उषा नेगी ने चांदनी के जीवन पर की प्रकाश डालते हुए कहा कि चार साल पहले आश्रय संस्था ने उसे दर्शनलाल चौक से रेस्क्यू किया था और इसके एक महीने में ही वह पढ़ना सीख गई थी। इसके बाद चांदनी को ओपन बोर्ड से आठवीं कराकर जीजीआईसी, राजपुर में प्रवेश दिलाया गया। यह उसके गुरूजनों की कड़ी मेहनत और चांदनी की लगन का ही परिणाम है कि चार साल पहले तक भीख मांगने वाली लड़की अब जीजीआईसी में दसवीं की छात्रा है। अपने इस ऐतिहासिक सम्मान पर दर्शनलाल चौक में करीब आठ साल तक भीख मांगने वाली चांदनी कहती हैं कि कमजोर और लाचार चांदनी से सशक्त एवं सक्षम चांदनी के रूप में इस तरह मुख्य अतिथि बनने के बारे में उसने सपने में भी नहीं सोचा था।
यह भी पढ़ें- आखिर क्यों: अखबार के एक टुकड़े तक सिमट कर रह गई उत्तराखण्ड के जवान के लापता होने की खबर?


More in उत्तराखण्ड

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top