वीडियो :उत्तरायणी कौतिक में प्रियंका महर ने पहाड़ी गीतों से बिखेरा अपनी आवाज का जादू
उत्तरायणी कौतिक के अंतिम दिन लोकगायिका प्रियंका महर ने पहाड़ी गीतों (Pahari Song) की सुंदर प्रस्तुतियों से बाधां समां, देखिए वीडियो…
विश्व प्रसिद्ध बागेश्वर के उत्तरायणी मेले की अंतिम शाम लोकगायिका प्रियंका महर के नाम रहीं। प्रियंका ने एक से एक सुपरहिट गीत गाकर खचाखच भरे मैदान में उपस्थित लोगों को थिरकने को मजबूर कर दिया। आज हम आपको प्रियंका के इसी कार्यक्रम की विडियो दिखाने जा रहे हैं, जिसे देखकर आप भी अपने आप को रोक नहीं पाएंगे… या तो आप भी गीत गुनगुनाने लगेंगे या फिर आपके पांव खुद ब खुद झूमने लगेंगे। स्टार नाइट के अंतिम दिन कार्यक्रम की शुरुआत लोक गायिका प्रियंका महर ने टक-टका-टक कमला….. और ऐ जी डांडी काठिंयों मां बैठी होली….गीत गाकर की। इसके बाद तो उन्होंने एक से बढ़कर एक सुपरहिट पहाड़ी गीतों (Pahari song) की झड़ी लगा दी। वैसे तो बीच-बीच में उन्होंने कई हिंदी गीत भी गुनगुनाए लेकिन उनके द्वारा गाए चैत की चैत्वाला…, फ्वां बाघा रे…., बैठ डोला मां.. में दर्शक तालियां बजाकर अपने स्थान पर नाचने को मजबूर हो गए। इसके साथ ही प्रियंका महर ने अपने गाने रणसिंगा बाजो, तुतुरी बाजो… पर दर्शकों से खूब तालियां भी बटोरीं। उत्तरायणी मेले में प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम की अंतिम रात प्रियंका महर को सुनने आए युवाओं ने जमकर डांस किया। आलम यह था कि कई लोग प्लास्टिक की कुर्सियों पर चढ़कर नाचने, गाने लगे। जिसके कारण कई कुर्सियां टूट भी गईं।
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