Pooja Dehradun cloudburst sahastradhara: देहरादून आपदा दे गई गहरे जख्म, पहले सिर से उठा पिता का साया, फिर मां ने छोड़ा साथ,अब रहने को छत भी नही बची, पूजा ने सुनाया अपना दर्द…
dehradun sahastradhara cloudburst disaster pooja sadness story uttarakhand news today: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बीते दिनों आई आपदा के कारण कई सारे लोगों ने अपनों को हमेशा के लिए खो दिया। इतना ही नहीं बल्कि इस आपदा से पीड़ित कई सारे लोगों के सिर तक से छत छीन गई है। जिसके कारण पीड़ितों के सामने अब यह संकट खड़ा हो गया है कि ऐसी स्थिति में वह कहाँ और कैसे गुजारा बसेरा करेंगे। ऐसी ही कुछ दुखद कहानी है राजधानी देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र की रहने वाली पूजा की जिनके सिर से पहले पिता का साया छीन गया फिर माँ ने साथ छोड़ा और अब आपदा के कारण रहने को घर भी नही बचा।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार राजधानी देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में बादल फटने की घटना ने एक झटके में सब कुछ तबाह कर लोगों के जख्मों को फिर से कुरेद दिया। इस आपदा में न जाने कितने सारे लोग बेघर हुए ,जबकि कई लोग अपने परिवार से हमेशा के लिए बिछड़ गए। इतना ही नहीं बल्कि इस आपदा में मजाडा की रहने वाली पूजा के जख्म फिर से ताजा हुए है।
4 वर्ष की उम्र मे गुजरे पिता, माँ ने भी छोड़ा साथ, अब आपदा की पड़ी मार
दरअसल पूजा जब 4 वर्ष की थी तो उस समय उनके पिता की मौत हो गई थी, जबकि इससे पहले मां ने भी उनका साथ छोड़ दिया था।16 वर्षीय पूजा को ठीक से अपने माता-पिता का चेहरा तक याद नहीं है, बस उन्हें इतना याद है कि पिता एक कमरे का घर छोड़कर गए थे, जिसमें वो अपने तीन भाइयों के साथ कई वर्षों से रह रही थी। लेकिन आपदा ने उस घर को भी अपनी जद में ले लिया।
आपदा मे बची पूजा की जिंदगी मगर जीवन मे हो गया बड़ा संकट खड़ा
अब आगे की जिंदगी कैसे गुजरेगी पूजा कुछ समझने की हालत में नहीं है। अपना दर्द बयां करते ही पूजा की आंखें भर आई उन्होंने बताया की भाई मजदूरी करके किसी तरह गुजारा कर रहे थे। इतना ही नहीं बल्कि पूजा पढ़ाई कर रही थी। लेकिन आपदा के कारण शायद अब कभी भी वह स्कूल नहीं जा पाएगी। जिस रात आपदा आई उस रात वह अपनी जान बचाती हुई बाहर भागी इतने में ही पूरा घर ढह गया। रात भर जंगलों और जख्मी पहाड़ों के रास्ते पूजा किसी तरह राहत कैंप में पहुंची। पूजा की जिंदगी आपदा में तो बच गई मगर जीवन में विकट परिस्थितियां खड़ी हो गई।
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