Uttarakhand cabinet UPNL employee : प्रदेश में 22 हज़ार उपनल कर्मचारी बैठे हड़ताल पर, आज कैबिनेट की बैठक में आ सकता है महत्वपूर्ण फैसला..
Dhami Cabinet meeting today decision against UPNL employee regulation policy uttarakhand latest news : उत्तराखंड में उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है, हालांकि बावजूद इसके उपनल कर्मचारियों के हित में अभी तक कोई फैसला नहीं आया है। जिसके चलते विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों ने अपनी सेवाओं से पल्ला झाड़ दिया है। इतना ही नहीं बल्कि प्रदेश में करीब 22,000 उपनल कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए है ,जिससे आवश्यक सेवाएं ठप हो गई है।
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आपको जानकारी देते चलें आज बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में कैबिनेट बैठक होनी है, जिसमें उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण का मामला सामने आ सकता है। इसके अलावा कैबिनेट में साइलेज नीति में संशोधन, स्वास्थ्य शिक्षा समेत अन्य कई प्रस्ताव आ सकते हैं। बता दें उपनल कर्मचारियों की विभिन्न माँगो और नियमितीकरण पर लंबे समय से सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। जिसके तहत उपनल कर्मचारी लंबित मांगों पर अमल न होने के कारण नाराज है और उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठने की ठानी है। इतना ही नहीं बल्कि कर्मचारियों ने परेड ग्राउंड में धरना दिया जिसके चलते कर्मचारियों की शासन से भी बात हुई लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। क्योंकि कर्मचारियों का स्पष्ट रूप से कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
हाईकोर्ट के वर्ष 2018 के आदेश के बाद भी कर्मचारियों की हो रही अनदेखी
उपनल कर्मियों का कहना है कि उनके हितों की अनदेखी की जा रही है जिस पर हाईकोर्ट के वर्ष 2018 के आदेश के बाद भी कर्मचारियों को ना तो नियमित किया गया है और ना ही उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जा रहा है। उपनल के माध्यम से विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की सेवाएं तक प्रभावित हो रही है, जिससे आक्रोशित होकर कर्मचारियों ने आवश्यक सेवाएं भी रोक दी है।
बिना लिखित आश्वासन के आंदोलन रहेगा जारी
इस मामले में महासंघ के महामंत्री विनय प्रसाद ने बताया कि कर्मचारियों को गृह सचिव शैलेश बगौली ने वार्ता के लिए बुलाया। बातचीत के दौरान आश्वासन दिया गया कि कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन का जल्द आदेश जारी किया जाएगा। लेकिन कर्मचारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि बिना लिखित आश्वासन के वे आंदोलन पर डटे रहेंगे।