Dharchula metali village Road Problem : उत्तराखंड के कई गांवों में आज भी सड़के लापता, मरीज को डोली के सहारे पहुंचाया जा रहा अस्पताल , सरकार के बड़े-बड़े दावे हुए फेल…..
Dharchula metali village Road Problem : उत्तराखंड के दूरस्थ गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और बुनियादी ढांचे की कमी के कारण लोगों को आज भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। दरअसल अधिकांश गांव ऐसे हैं जहां पर अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहुत अधिक दूरी पर है बावजूद इसके यहां पर ना तो सड़कों की सुविधा है और ना ही वाहनों की जिसके चलते ग्रामीणों को डोली के सहारे मरीज को कई किलोमीटर की दूरी तक पैदल चलकर ढोना पड़ता है जो बेहद चिंता का विषय है। सरकार हर वर्ष बड़े-बड़े दावे तो कर लेती है लेकिन न जाने क्यों दावे करने के बाद कार्य करना भूल जाती है।जी हां ऐसी ही कुछ दयनीय स्थिति है सीमांत जिले पिथौरागढ़ के धारचूला विकासखंड के मेतली गांव की जहां पर सड़के आज तक लापता है।
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Pithoragarh Dharchula Road Issue: बता दें पिथौरागढ़ जिले के धारचूला विकासखंड के मेतली गांव के निवासी 46 वर्षीय इंद्र सिंह के शरीर में अचानक सूजन आ गई थी जिसके कारण उन्हें चलने फिरने मे काफी दिक्कत आने लगी। इसके लिए परिजनों और ग्रामीणों ने उनकी स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन से हेली सेवा की व्यवस्था करने की अपील की जिस पर जिला प्रशासन ने उन्हें हेली व्यवस्था करने का आश्वासन दिया लेकिन अधिक समय होने के कारण उनकी तबीयत और बिगड़ने लगी जिसके चलते ग्रामीणों ने लकड़ी की डोली बनाकर आपदा में ध्वस्त हुए 12 किलोमीटर बदहाल रास्तों से बरम पहुंचाया। इसके बाद उन्हें 108 एंबुलेंस के माध्यम से डीडीहाट सामुदायिक केंद्र पहुंचाया गया। जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया वहीं स्थानीय लोगों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि सरकार बड़े-बड़े दावे तो करती है लेकिन हकीकत कुछ और है लोगों का कहना है कि धारचुला और मुनस्यारी क्षेत्र आपदा की दृष्टि से अतिसंवेदनशील है ऐसे में लोगों को तुरंत हेली सेवा मिलनी चाहिए थी। सरकार द्वारा मरीजों को हेली सेवा उपलब्ध कराने की बात तो की जाती है लेकिन हेली सेवा सही समय पर उपलब्ध नहीं हो पाती जिससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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