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उत्तराखण्ड: बेटी की शादी के बोझ से चिंतित किसान का नहीं तोला धान किसान ने जला डाली सारी फसल
Kiccha Uttarakhand news Today : बेटी की शादी की चिंता को लेकर टूटा किसान पिता , किसान ने जला डाला पूरा धान..
Uttarakhand farmer chandrapal kichha daru worried daughter’s wedding, burned entire rice paddy crop latest news today : उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले से एक चौंका देने वाली खबर सामने आ रही है, जहाँ पर एक गरीब किसान की लाचारी देखने को मिली है। दरअसल किसान को बैंक के कर्ज और बेटी की शादी के खर्च की चिंता ने कुछ इस कदर तोड़कर रख दिया की किसान ने सरकारी क्रय केंद्र पर अपने धान के ढेर में आग तक लगा दी।
बताते चलें किसान को अन्नदाता कहा जाता है क्योंकि वह दिन रात परिश्रम कर अपने खेतों में फसल उगाकर लोगों को भोजन उपलब्ध कराता है। लेकिन देश मे किसानों की स्थिति कितनी खराब है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक किसान को अपनी बेटी की शादी के खर्चे को लेकर दिन रात बैंक के चक्कर काटने पड़ते है यहाँ तक की काफी बार उसे अपना पूरा धान तक बेचना पड़ता है।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार उधम सिंह नगर जिले के किच्छा के ग्राम दरऊ के निवासी चंद्रपाल एक किसान है। दरअसल चंद्रपाल की बेटी की शादी 15 दिन बाद होनी है, जिन्होंने उत्तर प्रदेश के बरेली के बहेड़ी मे अपनी बेटी का रिश्ता तय किया है। हालांकि किसान चंद्रपाल को धान बेचने से मिलने वाले रुपयो से अपनी बेटी की शादी की तैयारी करनी है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने लगभग 28 दिन पहले 60 कुंतल धान दरऊ केंद्र मे जमा किया, लेकिन केंद्र प्रभारी ने लिमिट पूरी होने का हवाला देते हुए तौल करने से मना कर दिया। मगर फिर भी किसान चंद्रपाल इस उम्मीद से केंद्र जाते रहे की आज उनकी धान बिकेगी लेकिन उन्हे हमेशा मायूस घर लौटना पड़ा।
सरकारी क्रय केंद्रो पर धान खरीद बंद होने से किसान परेशान
एक ओर बैंक का कर्ज और दूसरी तरफ बेटी की शादी का खर्च दोनों ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़कर रख दिया। चंद्रपाल ने बताया कि खुले बाजार में एमएसपी से काफी कम दाम मिल रहे हैं जिससे उनकी लागत भी नहीं निकलेगी। ऐसे में हताश निराश होकर चंद्रपाल ने धान के ढेर में आग लगाने का फैसला किया। इसके बाद वह बीते सोमवार को सरकारी क्रय केंद्र पहुंचे जहां पर उन्होंने धान के ढेर को आग के हवाले कर दिया। वो तो गनीमत रही की मौके पर मौजूद अन्य किसानों ने चंद्रपाल को पकड़ लिया और तुरंत आग बुझा दी जिससे उनका बड़ा नुकसान होने से बच गया। इस घटना के बाद कांग्रेस के विधायक तिलक राज बेहड भी क्रय केंद्र पहुंचे जहां पर उन्होंने धान खरीद शुरू न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। बताते चले किच्छा ही नहीं बल्कि पूरे उधम सिंह नगर जिले में सरकारी क्रय केंद्रो पर धान खरीद बंद होने के कारण किसान परेशान है।
किसानों ने तहसील पहुंचकर एसडीएम गौरव पांडे को सौंपा ज्ञापन
किसानों के अनुसार अक्तूबर में दरऊ क्रय केंद्र खुलने के बाद सिर्फ नौ दिन ही धान की तौल हुई। जिसमे 49 किसानों का करीब चार हजार कुंतल धान एक महीने से खुले में पड़ा है। किच्छा में 18 सरकारी धान क्रय केंद्र बनाए है। जबकि सभी केंद्रों में लिमिट पूरी होने का हवाला देते हुए खरीद बंद कर दी गई है। किसानों ने तहसील पहुंचकर एसडीएम गौरव पांडे को ज्ञापन सौंपा जिसमे एसडीएम ने बताया कि आरएफसी को धान खरीद की लिमिट बढ़ाने का अनुरोध किया है, वहीं तौल शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे है।
254 क्रय केंद्रों पर खरीद पड़ी ठप
बता दें कुमाऊं मंडल में कुल 296 धान क्रय केंद्र बनाए गए है, जिनमें 254 केंद्र ऊधमसिंह नगर जिले में है। जिले के सभी केंद्रों में तय लिमिट पूरी होने की बात कहते हुए तौल बंद की गई है। आंकड़ों के मुताबिक कुमाऊं में 6 लाख 58 हजार मिट्रिक टन धान क्रय का लक्ष्य था और अब तक 5 लाख 30 हजार 356 मिट्रिक टन खरीद हो चुकी है।
