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Father Darpan Mahara, died on Diwali Minor daughter Geeta lit the pyre last rites bering Pithoragarh Uttarakhand latest news today
Image : social media ( Bering Pithoragarh news today)

UTTARAKHAND NEWS

Pithoragarh: बेरीनाग दीवाली पर घर लौट रहे पिता की गई जिंदगी नाबालिग बेटी ने दी चिता को मुखाग्नि

Bering Pithoragarh news today  : पिथौरागढ़ में 17 वर्षीय नाबालिक बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज, पिता की चिता को दी मुखाग्नि, दीपावली पर घर लौटने के दौरान गई पिता की जिंदगी ,बेटा गुजरात मे कर रहा नौकरी ...

Father Darpan Mahara, died on Diwali Minor daughter Geeta lit the pyre last rites bering Pithoragarh Uttarakhand latest news today  : उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ से एक दुखद खबर सामने आ रही है , जहां पर खुटानी होटल मे कार्यरत एक व्यक्ति की हार्ट अटैक से जिंदगी चली गई। जिसके बाद बेटे का फर्ज निभाते हुए मृतक की बेटी ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान व्यक्ति की अंतिम यात्रा पर आए सभी लोग यह मार्मिक दृश्य देखकर भावुक हो उठे। बताते चले प्रदेश में इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है बल्कि इससे पहले भी प्रदेश की कई सारी बेटियां रूढ़िवादी परंपरा को तोड़ते हुए अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दे चुकी है।

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Geeta mahara bering Pithoragarh: अभी तक मिली जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग तहसील मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर उडियारी गांव के निवासी 46 वर्षीय दरपान सिंह नैनीताल के खुटानी में एक होटल में कार्यरत थे। दरअसल बीते रविवार को दीपावली को लेकर दरपान जीप से घर लौट रहे थे। तभी इस दौरान अल्मोड़ा धौलछीना के पास दरपान को अचानक से हार्ट अटैक आया। इसके बाद स्थानीय लोगों द्वारा उन्हें तुरंत अल्मोड़ा के बेस अस्पताल पहुंचाया गया जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

दीपावली की खुशियां मातम में बदली, पिता को बेटी ने दी मुखाग्नि

इसके बाद मृतक दरपान के शव को लोग उनके गांव लेकर पहुंचे जहां पर दीपावली की खुशियां मातम में तब्दील हो गई। इसके साथ ही यह संकट खड़ा हो गया कि दरपान की चिता को मुखाग्नि कौन देगा क्योंकि दरपान के बेटे मनोज सिंह माहरा गुजरात के सूरत में प्राइवेट नौकरी में कार्यरत हैं जिनका दो दिन में घर पहुंचना मुश्किल था।

17 वर्षीय गीता माहरा ने अपने पिता की अर्थी को दिया कंधा

ऐसी विकट परिस्थिति में दरपान की बेटी कक्षा 12 में पढ़ने वाली 17 वर्षीय गीता माहरा ने अपने पिता की अर्थी को न सिर्फ कंधा दिया बल्कि उनकी चिता को मुखाग्नि देने का महत्वपूर्ण फैसला भी लिया। इसके बाद बीते सोमवार को गीता ने अपने पिता की अर्थी को कंधा देकर थल रामगंगा नदी तट पर अपने पिता की चिता को भावुक होकर मुखाग्नि दी इस दौरान हर किसी की आंखें नम थी।

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