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Almora forest fire Binsar
फोटो - सोशल मीडिया

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Almora forest fire binsar: अल्मोड़ा वनाग्नि में दो फोरेस्ट गार्ड समेत चार वन कर्मियों की जलकर मौत

Almora forest fire Binsar: वन बीट अधिकारी समेत चार लोगों की हुई थी मौत, मुख्यमंत्री धामी ने घटना पर दुःख जताते हुए की अनुग्रह राशि की घोषणा, सामने आया घटनाक्रम का पूरा वाकया…

Almora forest fire binsar गौरतलब हो कि बीते बृहस्पतिवार को अल्मोड़ा के बिनसर वन्य जीव अभयारण्य में एक बड़ा हृदयविदारक हादसा घटित हो गया‌ था। जहां जंगल की आग बुझाने गए वन विभाग के चार अधिकारी कर्मचारियों की जिंदा जलकर मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि चार अन्य कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बताया गया है कि मृतकों में वन बीट अधिकारी सहित अस्थाई कर्मचारी भी शामिल हैं। देर रात मृतकों की शिनाख्त वन बीट अधिकारी बिंसर रेंज त्रिलोक सिंह मेहता पुत्र नारायण सिंह, निवासी उडलगांव बाड़ेछीना, दैनिक श्रमिक दीवान राम पुत्र पदी राम, निवासी ग्राम सौड़ा कपड़खान, फायर वाचर करन आर्या पुत्र बिशन राम निवासी कफड़खान और पीआरडी जवान पूरन सिंह पुत्र दीवान सिंह निवासी ग्राम कलौन के रूप में हुई है। जबकि उन्हीं के साथ आग बुझाने गए चार अन्य कर्मचारी फायर वाचर कृष्ण कुमार पुत्र नारायण राम निवासी ग्राम भेटुली, पीआरडी जवान कुंदन सिंह नेगी पुत्र प्रताप नेगी निवासी ग्राम खांखरी वाहन चालक भगवत सिंह भोज पुत्र बची सिंह निवासी ग्राम भेटुली,दैनिक श्रमिक कैलाश भट्ट पुत्र बद्रीदत्त भट्ट निवासी ग्राम धनेली, अल्मोड़ा बुरी तरह झुलसकर गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घटना की सूचना मिलने पर हरकत में आए शासन प्रशासन ने मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है जबकि गंभीर रूप से घायलों में से कृष्ण कुमार और कुंदन सिंह को हायर सेंटर हल्द्वानी रेफर कर दिया गया है।

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Uttarakhand forest fire news अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक गुरुवार दोपहर को एकाएक बिनसर वन्य जीव अभयारण्य क्षेत्र के बुरुषखोटिया जंगल में आग लग गई। सूचना मिलने पर वन विभाग के आठ कर्मचारी, सरकारी गाड़ी वाहन संख्या यूके 01-जीए-0124 में सवार होकर घटनास्थल की ओर निकल गए। अल्मोड़ा-बागेश्वर मार्ग से होते हुए जैसे ही यह आठ सदस्यीय टीम जैसे ही घटनास्थल पर पहुंची तो उन्होंने देखा कि आग तीव्र ढलान में लगी हुई थी। जिस पर वनकर्मियों ने वाहन को सड़क किनारे खड़ा कर ढलान में रास्ता बनाते हुए आग बुझाने में जुट गए। तभी एकाएक तेज हवा के झौकों से आग ने विकराल रूप ले लिया। धीरे-धीरे आग ने वनकर्मियों को चारों ओर से घेर लिया, एक तो उन्हें आग की लपटों से बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिल रहा था दूसरा खड़ी चढ़ाई होने से वह इतनी जल्दी ऊपर की ओर आ भी नहीं सकते थे। देखते ही देखते आग ने आठ सदस्यों की इस टीम को अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटों से झुलसते हुए वह चीखने चिल्लाने लगे, मदद की गुहार लगाने लगे परन्तु उनकी यह चीख पुकार आग की तेज लपटों में ही दफन हो गई। असहनीय गर्मी से जूझते हुए उन्होंने किसी तरह अपने अधिकारियों को हादसे की जानकारी दी। जिस पर वन क्षेत्राधिकारी मनोज सनवाल‌ के नेतृत्व में वन विभाग के अन्य कर्मचारी तुरंत घटनास्थल की ओर निकल पड़े लेकिन इससे पहले कि वह घटनास्थल तक पहुंच पाते वन बीट अधिकारी समेत चार लोगों ने बुरी तरह झुलसकर मौके पर ही दम तोड दिया। आग से उनकी गाड़ी भी बुरी तरह जलकर खाक हो ग‌ई।
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Binsar WILDLIFE SANCTUARY इस घटना के सामने आते ही शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया। वैसे भी वन कर्मचारियों की यह मौत उत्तराखण्ड के पूरे सिस्टम की मौत हैं। इस घटना को देखकर बीते दिनों का एक वाकया याद आता है जब लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तराखण्ड में वनाग्नि की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई थी तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग के 10 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था। जिस पर लैंसडौन से बीजेपी विधायक महंत दिलीप सिंह रावत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निचले स्तर के कार्मिकों का निलंबन निरस्त करते हुए उच्चाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की थी। उनका कहना था कि निचले स्तर के कर्मचारी जंगल की आग बुझाने में लगे रहते हैं परंतु उनके सुरक्षा के कोई भी उपकरण या संसाधन मौजूद नहीं है। इसके लिए उच्चाधिकारियों को भी अपनी कुर्सी छोड़कर फील्ड में उतरना चाहिए। जिससे वह वन कर्मियों की समस्या समझ सके और वनाग्नि की घटनाओं पर काबू पाने के लिए कोई विशेष मार्ग खोज सकें। खैर अब जबकि बीते रोज बिनसर में चार वन कर्मियों की मौत हो चुकी है।‌ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पक्ष विपक्ष के सभी नेताओं ने इस पर गहरा शोक जताया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह घटना बेहद हृदयविदारक है और इस दुख की इस घड़ी में पूरी उत्तराखंड सरकार वनकर्मियों के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने गंभीर घायलों को आवश्यकतानुसार उपचार के लिए एयरलिफ्ट करने के निर्देश देने के साथ ही मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह धनराशि तत्काल दिए जाने की भी घोषणा की है।

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