Rudraprayag Traditional Farming: रुद्रप्रयाग में किसान गंभीर सिंह चौधरी पारंपरिक खेती करके अपनी आजीविका में कर रहे सुधार,सब्जी, बड़ी इलायची, मधुमक्खी पालन कर हर वर्ष कर रहे लाखों की कमाई………..
Rudraprayag Traditional Farming: उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों के निवासी जहाँ रोजगार की तलाश में दिन प्रतिदिन मैदानी क्षेत्रों की तरफ पलायन करते जा रहे हैं जिससे लगातार पहाड़ खाली हो रहे है। वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे मेहनती लोग भी हैं जो पहाड़ मे पारंपरिक खेती करके अपनी आजीविका को सुधारते हुए इसे अपने रोजगार का जरिया बना रहे हैं और हर वर्ष लाखों की कमाई कर मालामाल हो रहे हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक मेहनती किसान से रूबरू करवाने जा रहे हैं जिन्होंने पहाड़ में रहकर ही अपनी आजीविका को एक उच्च मुकाम पर पहुंचाया है। जी हाँ….. हम बात कर रहे है राज्य के रुद्रप्रयाग जिले मे रहने वाले किसान गंभीर सिंह चौधरी की जिन्होंने पारंपरिक खेती को अपनी मुख्य आय का जरिया बनाया है।
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Gambhir Singh Chaudhary Rudraprayag बता दें गम्भीर सिंह चौधरी रुद्रप्रयाग के हरियाली वैली घोडसाल गांव के निवासी हैं। जो पिछले 40 वर्षों से बागवानी का कार्य कर रहे हैं और उन्हें प्रगतिशील किसान के रूप में पहचान मिली है। दरअसल पहाड़ों में खेती- बाड़ी का काम करना कोई आसान काम नहीं है यहां की भौगोलिक परिस्थितियों में ढलकर फसलों का उत्पादन करने के लिए काफी ज्यादा कठिन परिश्रम की आवश्यकता होती है और इतना ही नहीं फसलों को जंगली जानवरों के आतंक से बचाना इससे भी मुश्किल कार्य होता है। इन सभी परेशानियों के बीच रहकर भी पहाड़ के किसान गम्भीर सिंह, पारंपरिक खेती कर सब्जी और बड़ी इलायची का उत्पादन करने के साथ ही मधुमक्खी का पालन भी कर रहे हैं जिनसे उनकी वर्षभर में लाखों की कमाई हो रही है। उनका कहना है कि बड़ी इलायची को जंगली जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते हैं जिससे यह खेती करना काफी ज्यादा लाभदायक होता है और इस बड़ी इलायची का बाजार मूल्य काफी ज्यादा है जिससे यहां पैदावार होने के बाद घर से ही इलायची बिक जाती है जिसके चलते उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है।
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वहीं दूसरी ओर मधुमक्खी पालन समेत उनकी उगाई गई सब्जियां, शहद और इलायची को लेने के लिए उनके फार्म में लोगों की भीड़ लगी रहती है। इतना ही नहीं गंभीर सिंह अपने फार्म में जैविक विधि से आलू ,टमाटर , गोभी ,मटर और सीजनल सब्जियां भी उगाते हैं इस बार उन्होंने अपने फार्म मे 15 से 20 क्विंटल तक के आलू का उत्पादन किया है और उन्हें कृषि और उद्यान विभाग की ओर से हर संभव मदद की जाती है। उनका कहना है कि सब्सिडी पर पॉलीहाउस लगाकर भी फसलों का बचाव किया जा रहा है और समय पर बीज उपलब्ध होने से खेती का कार्य करने में भी उन्हें आसानी हो जाती है।
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जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र चौधरी ने कहा कि गंभीर सिंह चौधरी एक मेहनती किसान है जो सब्जी का उत्पादन करने के लिए करीब 40 वर्षों से अपनी 50 नाली जमीन पर सब्जी इलायची और मधुमक्खी का पालन कार्य कर रहे हैं और इतना ही नहीं वह जिले के युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। वहीं डीएम सौरभ गहरवार का कहना है कि किसान की आय को दुगना करने के लिए सरकार प्रयासरत है और किसान की हर संभव मदद की जा रही है जिसके चलते सरकार किसानों के लिए नई-नई स्कीम लेकर आ रही है और इन स्कीमों के माध्यम से किसानों को अनुदान दिया जा रहा है ताकि किसान समर्थ बन सके।