Uttarakhand House Map Approval : उत्तराखंड में मकान बनाना होगा आसान, बिना नक्शे के बन सकेगा सपनों का आशियाना ,जाने कहाँ लागू होगा नियम ..
Uttarakhand House Map Approval : उत्तराखंड समेत देशभर के लोगो की चाहत होती है कि उनका खुद का घर हो जिसमे वे अपनी परिवार के साथ हँसी खुशी जीवन यापन कर अपने परिवार के साथ बिताए यादगार पलो को समेट सकें। जिसके चलते घर बनाने से जुड़े एक नए नियम पर उत्तराखंड सरकार विचार कर रही है वही हरिद्वार विकास प्राधिकरण के इस नियम के लागू हो जाने के बाद लोगों को घर बनाने के लिए नक्शा पास कराने की आवश्यकता नहीं होगी। दरअसल हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण ने 84 वीं बोर्ड बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है जिसमे ग्रामीण इलाकों के आबादी वाले क्षेत्रों में बिना नक्शे के लोग अपना मकान बना सकेंगे।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें नगर निकाय क्षेत्र की सीमा से बाहर बसे गांव के पुराने आबादी वाले क्षेत्र श्रेणी 6 (2) की भूमि पर बने या बनने वाले मकान को अब मानचित्र स्वीकृत करने की जरूरत नहीं होगी। बताते चले मकान के बनने से पहले नक्शा पास कराना एक अहम कड़ी माना जाता है लेकिन विकास प्राधिकरण ने बिना नक्शे के मकान बनवाने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद यह नियम तुरंत लागू कर दिया जाएगा जिसका लाभ कई हजार ग्रामीण परिवारों को सीधा मिलेगा। वहीं दूसरी ओर बैठक में श्रवणनाथ नगर , भूपतवाला, सप्त सरोवर और शिवालिक नगर में आवासीय भवनों के व्यवसायिक उपयोग की चिंता जताते हुए आवासीय नक्शे पास करने के बाद उसके व्यावसायिक प्रयोग की बात सामने आ रही है जिसमें इन इलाकों में अगले एक महीने तक कोई भी नक्शा स्वीकृत नहीं किया जाएगा।
जाने क्यो है ग्रामीणों को इस नियम की आवश्यकता ( Know why villagers need this rule)
बताते चले पुराने समय में गांव में बसे लोग जब अपने घर की मरम्मत या उसका निर्माण कराना चाहते हैं तो उस समय विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराना अनिवार्य रखा जाता है जिससे न केवल उनके वक्त की बल्कि धन की भी बर्बादी होती है यहाँ तक कि कई बार फॉर्मेलिटी पूरी न होने पर निर्माण कार्य को अवैध घोषित कर दिया जाता है जिससे लोगों को काफी सारी समस्याएं झेलनी पड़ती है। जानकारी के मुताबिक प्राधिकरण का उद्देश्य विकास को गति देना है न केवल लोगों को अनावश्यक प्रक्रियाओं में उलझाना। वहीं पुराने आबादी क्षेत्रों को नक्शा पास करने से छूट देने का प्रस्ताव जनहित में है और इससे लाखों ग्रामीणों को राहत मिलेगी।
ये होती है छह दो की भूमि ( Land of Six Two)
विकास प्राधिकरण की माने तो श्रेणी 6 (2 ) की भूमि में ऐसे आकर्षित क्षेत्र शामिल होते हैं जो लंबे समय से गांव की मूल आबादी के रूप में मौजूद हैं जिसमें चकरोड रास्ता खलियान स्कूल ,पंचायत घर ,खेल मैदान , गड्ढा जैसी भूमियां आती है।
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