Anuradha Pal excise commissioner : 2016 बैच की आईएएस अफसर अनुराधा पाल बनी उत्तराखंड की पहली महिला आबकारी आयुक्त, कार्यभार संभालते गिनाई प्राथमिकताएं..
IAS Anuradha Pal first woman excise commissioner uttarakhand :उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के एक छोटे से गांव मे जन्मी व वर्ष 2016 बैच की आईएएस अफसर अनुराधा पाल को राज्य निर्माण के बाद पहली बार आबकारी आयुक्त बनाया गया है जिन्हें बीते सोमवार को यह अहम जिम्मेदारी सौंप गई है जिसे संभालने के लिए वह आयुक्त कार्यालय पहुंची। वहीं आज मंगलवार को उन्होंने विभागीय बैठक बुलाई है जिसमें अवैध और मिलावटी शराब पर पूरी तरह से रोक लगाने और राजस्व संकलन बढ़ाने के उपायों पर वह चर्चा करती हुई नजर आएंगी । अनुराधा ने बताया कि लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राजस्व वृद्धि व अवैध तथा मिलावटी शराब की रोकथाम उनकी प्राथमिकता होगी। जानकारी देते चले पूर्व आयुक्त हरिश्चंद्र सेमवाल के रिटायरमेंट के बाद सरकार ने अनुराधा को आबकारी विभाग की कमान सौंपी है।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में कई जगहों पर शराब की दुकानों को लेकर महिलाओं का संघर्ष अक्सर सामने आता रहता है जिसकी वजह से कई नए ठेको के लाइसेंस तक निरस्त करने पडते हैं ऐसे में महिलाओं से अनुराधा का संवाद सहज हो सकेगा। बताते चले इससे पहले अनुराधा बागेश्वर की डीएम रह चुकी है जिनके पास स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य प्रशासनिक कार्यों का अच्छा खासा अनुभव है। ऐसे में नई आबकारी नीति 2025 – 26 के तहत 5060 करोड़ का राजस्व लक्ष्य हासिल करना विभाग के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है। उत्तराखंड में ऐसा पहली बार हुआ है जब 25 सालों में पहली बार किसी महिला को आबकारी का आयुक्त बनाया गया हो।आपको जानकारी देते चले अनुराधा का जीवन शुरुआत से चुनौतियों से भरा रहा है जिनके पिता दूध बेचने का काम किया करते थे वही अनुराधा ने हरिद्वार जवाहर नवोदय विद्यालय से पढ़ाई पूरी करने के बाद गांव में सीमित संसाधनों के बीच बेहतर विकल्प न देखते हुए हायर एजुकेशन के लिए दिल्ली जाने का निर्णय लिया थ।
अनुराधा ने महिंद्रा कंपनी में भी की नौकरी ( Anuradha Pal excise commissioner)
जिसके बाद उन्होंने जीबी पंत यूनिवर्सिटी से बैचलर आफ टेक्नोलॉजी डिग्री ली और परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की वजह से अनुराधा को ना चाहते हुए भी बीटेक करने के बाद महिंद्रा कंपनी में नौकरी करनी पड़ी थी। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला लिया और यूपीएससी की तैयारी करते हुए आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रुड़की के एक कॉलेज में लेक्चरर की नौकरी की इसके साथ ही यूपीएससी की तैयारी भी जारी रखी वर्ष 2012 में अनुराधा ने देश की सर्वोच्च सेवाओं में से एक यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर पहले अटेम्प्ट में ऑल इंडिया में 451 वीं रैंक हासिल की थी इसके बाद अनुराधा ने दिल्ली में एक आईएएस एकेडमी ज्वाइन की तथा अपनी यूपीएससी की तैयारी में जोर देते हुए वर्ष 2015-16 में यूपीएससी की परीक्षा पास की उस दौरान उनकी रैंक इतनी अच्छी थी कि वह देश की सर्वोच्च सेवाओं में शामिल हो गई।
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