Shweta Nagarkoti IAS Biography: उत्तराखंड के अल्मोड़ा की श्वेता केरल में बनी SDM ..
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श्वेता नगरकोटी की संघर्षों से भरी सफलता की कहानी
(Shweta Nagar Koti’s story of huge success through struggles)
आपको बता दे कि उत्तराखंड की इस होनहार बेटी ने बेहद ही संघर्ष और कठिन परिस्थितियों को पीछे छोड़ अपने यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की और एसडीएम बनने का सपना पूरा किया। दरअसल जब श्वेता नगरकोटी 12वीं में थी तब उनके पिता गाजियाबाद में एक इलेक्ट्रॉनिक फैक्ट्री में नौकरी करते थे। लेकिन किसी कारणवश उनकी नौकरी छूट गई। जिसके चलते श्वेता के परिवार की हालत और आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी और श्वेता की पढ़ाई छूटने के कगार पर आ गयी तत्पश्चात श्वेता को अपनी पढ़ाई छूटने का डर सताने लगा। लेकिन उनके मां-बाप ने हर कदम पर उनका साथ देते हुए बेटी का हौसला बनाए रखा और विषम परिस्थितियों में भी बेटी को निरंतर आगे बढ़ने का प्रोत्साहन किया । उनकी माता जो की गृहणी थी ने बच्चों की पढ़ाई ना छूटे उसके लिए स्वरोजगार किया मगर तब भी अपने बच्चों की पढ़ाई को नहीं रुकने दिया और विषम परिस्थितियों में भी डटी रही। वहीं दूसरी और श्वेता भी अपनी आगे की पढ़ाई बड़ी मेहनत और लगन से करती रही और विश्वास और मेहनत के बलबूते पर आगे बढ़ती रही। इसके बाद श्वेता नगरकोटी ने यूपीएससी परीक्षा दी मगर वह सफल न हो सकी। इन सब के बावजूद भी श्वेत ने हार नहीं मानी और फिर 2020 मैं दूसरी बार यूपीएससी परीक्षा दी। इस बार श्वेता की महेनत रंग लाई और श्वेता ने यूपीएससी परीक्षा में 410वीं रैंक के साथ सफलता हासिल की और केरल की एसडीएम बन पूरे उत्तराखंड का नाम रोशन किया।
(Shweta Nagarkoti IAS Biography)
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तो यह थी उत्तराखंड और देश की उस होनहार बेटी की संघर्ष भरी कहानी जिसने लगातार मेहनत और विपरीत परिस्थितियों में भी हौसला बनाए रखा और अपने सपने को हर हाल में पूरा कर सभी बेटियों के लिए एक मिसाल कायम की। वास्तव में श्वेता नगरकोटी की कहानी सभी के लिए बड़ी प्रेरणादायक है। इन्होंने हमें सिखाया कि चाहे परिस्थितियों कैसी भी हो हमें घबराना नहीं चाहिए। और अपनी मंजिल की ओर लगातार बढ़ते रहना चाहिए। साथ ही श्वेता के मां-बाप की तरह हर मां बाप को भी विपरीत परिस्थितियों में बच्चों के हौसले को बनाए रखना चाहिए और उन्हें निरंतर मंजिल की ओर बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए। अतः यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि श्वेता नगर कोटी की कहानी हमें यह सीख देती है कि विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य बनाए रखना चाहिए और परेशानियां चाहे कितनी भी क्यों ना हो मेहनत के आगे इनका कद हमेशा ही छोटा होता है।।(Shweta Nagarkoti IAS Biography)