AI TEACHER SCHOOL PITHORAGARH: पिथौरागढ़ के जाजर चिंगरी गांव के प्राइमरी स्कूल में चीन से आई AI टीचर, देश का पहला AI टीचर वाला सरकारी स्कूल बना….
Jajar Chingri Primary School: उत्तराखंड मे ऐसे कई सारे जिले मौजूद हैं जहां के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में ठीक से इंटरनेट सुविधा आज भी उपलब्ध नहीं है जिसके चलते लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ती है। ऐसा ही कुछ इंटरनेट असुविधाओं वाला जिला माना जाता है पिथौरागढ़ जहां पर 5G तो दूर 4G का सिग्नल मिलना भी बेहद मुश्किल होता है लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि यहां पर प्राइमरी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए Al रोबोट टीचर पहुंच चुकी है जो पूरे क्षेत्र समेत प्रदेशभर में चर्चा का विषय बन रहा है। इतना ही नहीं बल्कि देशभर मे पिथौरागढ़ एकमात्र ऐसा जिला बन गया है जहाँ पर बच्चों को पढ़ाने के लिए AI रोबोट टीचर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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बता दें प्रदेश के सीमांत जिले पिथौरागढ़ के नेपाल बॉर्डर से सटे मूनाकोट के जाजर चिंगरी गांव के (सरकारी प्राइमरी स्कूल ) राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय में AI टीचर बीते दिनों पहुँच चुकी है जिसे देखने के लिए बच्चे बूढ़े तक भारी संख्या में पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि यहां पर बच्चों को AI रोबोट टीचर द्वारा पढ़ाया जाना भी शुरू कर दिया गया है जिसका नाम ECO है। बता दे AI टीचर को क्षेत्र में लाने के पीछे स्कूल के ही प्रधानाचार्य चंद्रशेखर जोशी का हाथ था जिन्होंने अपने दम पर AI रोबोट टीचर लाने का सपना साकार किया है। दरअसल चंद्रशेखर ने चार लाख रुपए की लागत से AI टीचर eco को तैयार किया। यह रोबोट हर सवाल का तुरंत जवाब देता है और स्कूल के बरामदे में बच्चों को पढाता है जहां इंटरनेट सिग्नल बेहतर होता है। इस तकनीकी के जरिए लगभग 52 छात्र छात्राओं को शिक्षा मिल रही है। AI टीचर बच्चों को कहानियों से लेकर सामान्य ज्ञान तक के अहम सवाल जवाब तैयार करवाती है बच्चे जो भी सवाल AI टीचर से करते है उन्हे उसका तुरंत जवाब मिल जाता है। AI टीचर 22 भाषाओं में सवालों के जवाब देती है। जानकारी के मुताबिक इस सरकारी स्कूल में लंबे समय से बच्चों को गणित के टीचर ना मिल पाने के कारण समस्या हो रही थी लेकिन ईको मैडम के स्कूल में आने से अब बच्चों को गणित की शिक्षा भी मिल रही है।
शैलेश मटियानी पुरस्कार से भी नवाजे जा चुके हैं चंद्रशेखर जोशी
चंद्रशेखर जोशी को यह आइडिया उनके चीन में रहने वाले एक इंजीनियर दोस्त से मिला जिन्होंने चंद्रशेखर को तीन पैकेज में रोबोट के पुर्जे भेजे और व्हाट्सएप के जरिए इसे असेंबल करने में मदद की इसके बाद चंद्रशेखर की मेहनत के बलबूते पर एक AI टीचर तैयार की गई जो गांव के बच्चों के भविष्य को रोशन करने के लिए एक नई राह बन गई। जाजर चिंगरी का यह छोटा सा स्कूल अब पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गया है जिसकी चर्चा देश भर में हो रही है। बता दें राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य चंद्रशेखर जोशी ने पहली बार ऐसा सराहनीय काम नहीं किया है बल्कि इससे पहले भी उन्होंने अपने स्कूल में मशरूम उत्पादन, स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम, बैग फ्री डे ,आनंदम जैसे नवाचार किए हैं जिसके चलते उन्हें शैलेश मटियानी पुरस्कार भी मिल चुका है।
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