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College student kavita Bisht died tharali cloudburst in Chamoli update news
Image : social media ( Kavita Bisht tharali cloudburst)

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Chamoli: थराली बादल फटने से ग‌ई कविता की जान, किस्मत से बची छोटी बहन की जिंदगी

Kavita Bisht tharali cloudburst: थराली आपदा में गई 20 वर्षीय कविता की जिंदगी, वही पढ़ते पढ़ते दूसरी बहन तनुजा को आई नींद और बच गई जिंदगी…

College student kavita Bisht died tharali cloudburst in Chamoli update news: उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली मे बीते दिनों बादल फटने के कारण कई लोगों के घर तबाह हो गए जबकि इस आपदा मे सागवाड़ा गांव की 20 वर्षीय कविता मलबे की चपेट में आने से अपनी जिंदगी की जंग हार गई। इतना ही नहीं बल्कि आपदा के दौरान कविता जिस कमरे में सो रही थी वह पूरी तरह से मलवे में तब्दील हो गया जिससे कविता के परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वहीं दूसरी ओर कविता की बहन तनुजा इस हादसे का शिकार होते होते बची है।

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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार चमोली जिले के थराली के सागवाड़ा गांव की निवासी कविता बिष्ट बीते दो दिन पहले चमोली में आई आपदा में मलबे दब गई जिसकी मौत के बाद से पूरे गांव मे शोक की लहर दौड़ गई। हादसे का शिकार हुई कविता के पिता नरेंद्र सिंह बिष्ट और माता बबीता देवी तथा बहन तनुजा और भाई दिव्यांशु उसी मकान में मौजूद थे जिसका एक हिस्सा भूस्खलन के मलबे में दबकर बर्बाद हो गया। वहीं हादसे के दौरान कविता की बहन तनुजा जो BA प्रथम वर्ष की छात्रा है वो अपने भाई दिव्यांशु के साथ दूसरे कमरे में पढ़ाई कर रही थी हालांकि तनुजा हमेशा अपनी बहन के साथ सोती थी लेकिन आपदा वाले दिन पढ़ाई के दौरान उसे नींद आ गई और वह भाई तथा माता-पिता के साथ ही दूसरे कमरे में सो गई। रात को जब बादल फटा तो मलवे में मकान का एक हिस्सा पूरी तरह से दब गया जिसमें कविता सोई हुई थी।

रात के अंधेरे में खौफनाक मंजर

कविता राजकीय महाविद्यालय तलवाडी मे बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा थी जिसकी माता बबीता गांव की पूर्व प्रधान भी रह चुकी है। उनका कहना है कि आपदा के दौरान भूस्खलन व बादल की तेज गर्जना के बाद जब वह घर से बाहर निकले तो चारों तरफ तबाही का मंजर था पूरे परिवार को जगाने के बाद वे सुरक्षित स्थानों पर दौड़े लेकिन रात को अंधेरे में चारों ओर डरावना मंजर था। तेज वर्षा के बीच उन्होंने आसपास के लोगों को जगाया वही इस दौरान पहाड़ी से मलवा आ रहा था। उन्होंने कविता को आवाज मारी लेकिन जब कहीं कुछ नहीं दिखा तो वह समझ चुके थे की कविता मलवे की भेंट चढ़ चुकी है। रात्रि मे भूस्खलन के लगातार होने के कारण उन्हें अनहोनी का अंदेशा हो गया था भवन सुरक्षित स्थान पर था लेकिन यह पुश्तैनी मकान आपदा मे जमींदोज हो गया । पुलिस प्रशासन की टीम द्वारा जब आपदा के दौरान रेस्क्यू किया गया तो मलबे के नीचे से कविता का शव बरामद हुआ जिसके बाद से कविता के परिजनों मे कोहराम मच गया ।

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