Kedarnath dham tunnel project : केदारनाथ धाम तक 7 किलोमीटर सुरंग का बना प्लान, राह होगी आसान, 16 km से कम होकर केवल 5 किलोमीटर रह जाएगी पैदल दूरी..
Kedarnath dham tunnel project between Chaumasi Lincholi Rudraprayag journey : उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम की राह अब जल्द ही आसान होती हुई नजर आने वाली है क्योंकि केदारनाथ धाम को सड़क से जोड़ने की कवायद चल रही है जिसके चलते यह सड़क मार्ग से 7 किलोमीटर लंबी सुरंग से होकर गुजरेगा जो चौमासी से लिनचोली के बीच बननी तय हुई है। इस सुरंग के बन जाने से यात्रियों की राह आसान होगी इसके साथ ही उन्हें लंबी दूरी तय करने के लिए अधिक पैदल चलने की आवश्यकता नहीं होगी।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 में पीएमओ ने जिला प्रशासन से केदारनाथ तक सड़क मार्ग बनाने को लेकर विकल्प मांगा था लेकिन फिर इस दिशा में कोई पहल नहीं हो पाई जिसके कारण गौरीकुंड से केदारनाथ जाने के लिए वर्तमान में श्रद्धालुओं को 16 किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर तय करनी पड़ती है लेकिन सुरंग के बन जाने से यह दूरी मात्र 5 किलोमीटर रह जाएगी। इतना ही नहीं बल्कि यह हिस्सा भूस्खलन भू -धंसाव की दृष्टि से सुरक्षित है।
मार्ग की रूप रेखा हुई तैयार
बताते चलें केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने केदारनाथ धाम को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए रूपरेखा भी तैयार कर ली है जिसके तहत NH के अधिशासी अभियंता ओंकार पांडे ने बताया कि मंत्रालय ने चौमासी लिनचोली तक प्रारंभिक सर्वेक्षण करने के साथ ड्राइंग भी तैयार कर ली है और अब मंत्रालय के अधिकारियों की टीम इसे अंतिम रूप दे रही है।
मार्ग पर कहीं भी नही है भूस्खलन जोन
गौर हो बीते वर्ष सितंबर के माह में पांच सदस्यीय टीम ने चौमासी खाम बुग्याल केदारनाथ मार्ग का जमीनी सर्वेक्षण किया था तब टीम ने कहा था कि इस पूरे मार्ग पर कहीं भी भूस्खलन जोन नहीं है जिसके कारण बुग्याल के ऊपर और नीचे दोनों ओर रास्ते बनाए जा सकते हैं। इससे पहले वर्ष 2022 में पीएमओ ने गौरीकुंड रामबाड़ा चौमासी मोटर मार्ग के निर्माण को लेकर रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन से प्रस्ताव तैयार करने की बात कहीं थी हालांकि तब रामबाडा तक सुरंग बनाने की बात तो हुई थी लेकिन यह सुरंग कहां से बनेगी यह तय नहीं हुआ था।
क्षतिग्रस्त हो गया था केदारनाथ पैदल मार्ग
वर्ष 2013 ( 16- 17) जून को रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ धाम में आई आपदा के कारण गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच का पैदल मार्ग 5 किलोमीटर हिस्सा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था जिसके कारण रामबाड़ा से दायीं ओर की पहाड़ी पर लिनचोली होते हुए धाम तक नया पैदल मार्ग बनाना पड़ा लेकिन 31 जुलाई 2024 की अतिवृष्टि में यह मार्ग भूस्खलन के चलते 20 दिन तक अवरुद्ध रहा।
जाने अभी कैसा है रास्ता
अभी केदारनाथ का कुल ट्रैक 16 किमी का है इसमें गौरीकुंड से रामबाड़ा 9 किमी, रामबाड़ा से लिंचोली 2 किमी और लिंचोली से केदार मंदिर 5 किमी दूर है जिसका पूरा रास्ता मंदाकिनी नदी के किनारे बना है।
ये रहेगा भविष्य का रूट..
रुद्रप्रयाग गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुंड से चुन्नी बैंड होते हुए कालीमठ, कोटमा और फिर चौमासी पहुंचते हैं। कुंड से चौमासी 41 किमी दूर है। चौमासी से 7 किमी लंबी टनल लिंचोली पहुंचाएगी फिर लिंचोली से 5 किमी दूर मंदिर स्थित है ।
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