Kedarnath Rudraprayag Atul Kumar IIT Madras Selection: खच्चर चलाने वाला अतुल अब पढ़ेगा IIT मद्रास में, संघर्ष की मिसाल बनी उत्तराखंड की यह कहानी
Kedarnath Rudraprayag Atul Kumar IIT Madras Selection: “कभी केदारनाथ में खच्चर की रस्सी थामे चलता था, अब IIT मद्रास की डिग्री थामेगा” — ये कहानी है उत्तराखंड के छोटे से गांव बीरोंदेवल निवासी एक युवक की, जिसने गरीबी और कठिनाइयों को पीछे छोड़ते हुए देश के टॉप संस्थान IIT मद्रास में MSc Mathematics में दाख़िला लेने जा रहा है। दरअसल उत्तराखंड सोशल मीडिया पर केदारनाथ में खच्चर चलाने वाला पहाड़ का एक युवक इन दिनों खूब छाया हुआ है जिसका चयन हाल ही में आईआईटी मद्रास में हुआ है। जी हां… बात हो रही है मूल रूप से राज्य के रूद्रप्रयाग जिले के बसुकेदार क्षेत्र के रहने वाले अतुल कुमार की, जिनकी सफलता की यह कहानी आज देश प्रदेश के अन्य युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई है।
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केदारनाथ यात्रा में खच्चर चलाने से लेकर ऑल इंडिया रैंक तक atul kumar kedarnath Struggle to Success IIT JAM Madras
आपको बता दें कि मूल रूप से राज्य के रूद्रप्रयाग जिले के बसुकेदार क्षेत्र के बीरोंदेवल गांव के रहने वाले अतुल कुमार का चयन प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी मद्रास में एमएससी गणित विषय के लिए चयनित हुए हैं। बता दें कि अतुल के माता-पिता आज भी केदारनाथ धाम में खच्चर और घोड़े चलाकर यात्रियों का सामान ढोते हैं। बचपन से ही परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर रही, ऐसे में अतुल ने न केवल पढ़ाई की जिम्मेदारी निभाई बल्कि हर साल केदारनाथ में खच्चर से सामान ढोने का कार्य भी किया। उसी मेहनत के पैसों से उसने अपनी पढ़ाई का खर्च उठाया।
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बचपन से पढ़ाई में अव्वल दर्जे का छात्र रहा अतुल, प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की हर परीक्षा
अतुल शुरू से पढ़ाई में अव्वल रहा। उसने राजकीय इंटर कॉलेज बसुकेदार से 10वीं में 94.8% अंक प्राप्त कर मेरिट सूची में 17वीं और इसी विद्यालय से 12वीं की परीक्षा में 92.8% अंक हासिल कर समूचे प्रदेश में 22वीं रैंक हासिल की थी। वर्तमान में वह हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर के बिड़ला कैंपस से BSc के अंतिम वर्ष का छात्र है। अपनी मेहनत के दम पर अतुल ने फरवरी 2025 में आयोजित IIT JAM परीक्षा में समूचे देश में आल इंडिया लेवल पर 649 वीं रैंक हासिल की है। अब वह IIT मद्रास में गणित विषय में एमएससी की डिग्री हासिल करेगा। उसका यह चयन केवल उसके लिए नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है।
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सेल्फ स्टडी से पाई सफलता, बिना किसी कोचिंग के हासिल किया मुकाम kedarnath atul kumar Inspirational Story from Rudraprayag Uttarakhand
अतुल के पिता ओम प्रकाश लाल और माता संगीता देवी बेहद खुश हैं। चार बच्चों में दूसरे नंबर पर आने वाले अतुल ने हर कक्षा में प्रथम श्रेणी में सफलता पाई है। वह अधिकतर स्वअध्ययन से ही तैयारी करता रहा और कोचिंग का सहारा लिए बिना इतना बड़ा मुकाम हासिल किया। अतुल की सफलता की यह अभूतपूर्व कहानी उन तमाम छात्रों के लिए प्रेरणा है जो संसाधनों की कमी का रोना रोते हैं। यह सिद्ध करता है कि अगर जज़्बा हो, तो साधन खुद रास्ता बनाते हैं।
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