Connect with us
land crack in Nandanagar of chamoli , Srinagar of pauri garhwal and nileshwar mahadev mandir area Bageshwar people left their homes
Image : social media ( Nandangar uttarakhand land crack)

UTTARAKHAND NEWS

Uttarakhand news: उत्तराखण्ड प्रकृति का प्रकोप, नंदानगर में दरकी जमीन, पौड़ी बागेश्वर में भी छोड़े आशियाने

Nandangar uttarakhand land crack: चमोली, पौड़ी , बागेश्वर में घरों पर पड़ी दरारें देख डरे लोग, आशियाने छोड़ने पर हुए मजबूर..

land crack in Nandanagar of chamoli , Srinagar of pauri garhwal and nileshwar mahadev mandir area Bageshwar people left their homes: उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में हो रही बारिश के कारण कई सारे घरों पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी है। इतना ही नहीं बल्कि लगातार भू धँसाव होने के कारण लोग अपने ही आशियाने छोड़ने पर मजबूर हो चुके हैं। ऐसा ही कुछ खतरा मंडरा रहा है चमोली जिले के नंदानगर मे जहाँ पर बाजार के ऊपर जमीन की दरारें लगातार बढ़ती जा रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि वहां पर मौजूद तीन भवन ध्वस्त हो चुके हैं जिसके कारण प्रशासन ने वहां पर रह रहे परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है क्योंकि अन्य पांच घर कभी भी जमींदोज हो सकते है।

यह भी पढ़े :Reasi landslide: रियासी भूस्खलन एक ही परिवार के 7 लोगों की गई जिंदगी जम्मू कश्मीर J&k

अभी तक मिली जानकारी के अनुसार चमोली जिले के नंदानगर के बैंड बाजार के ऊपर जमीन की दरारों ने लोगो को अपने घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है। बीते रविवार को वहां रह रहे परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है। इतना ही नहीं बल्कि भवनों के पीछे भारी मात्रा में मलवा एकत्रित हो गया है। प्रशासन की ओर से बाजार की 30 दुकान और 19 घरों को खाली करवा दिया गया है। वही प्रभावित परिवारों की संख्या बढ़ने से मारिया आश्रम के सात कमरों को भी राहत शिविर बनाया गया है जहां पर एक परिवार को शिफ्ट किया गया है। नंदा नगर के मुख्य बैंड बाजार के करीब 5 मीटर ऊपर से भूं धँसाव हो रहा है जिससे कई भवन इसकी जद में आ गए हैं। बीते रविवार को पार्वती देवी ,गोविंद सिंह पुष्पा देवी के मकान क्षतिग्रस्त हो गए जिन्हें अपने ही घर छोड़ अन्य स्थानों की शरण लेकर रहना पड़ रहा है। व्यापार संघ अध्यक्ष नंदन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बैंड बाजार में 30 दुकानों को खाली करवा दिया गया है जबकि 40 मवेशियों को प्रशासन की ओर से चिन्हित कर गौशालाओं में रखा गया है। प्रभावित क्षेत्र के लोग दिन भर अपने सामान को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने में लगे रहे।

बागेश्वर भी खतरे की जद मे बारिश के कारण भूस्खलन व भू धँसाव बढ़ रहा

बताते चले बागेश्वर जिले के नीलेश्वर मंदिर के पास रोड तथा सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। इतना ही नहीं बल्कि स्थानीय लोगों के घरों पर भी खतरा मंडराने लगा है जिसके चलते 6 लोगों को कत्युरमठ में सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है। बारिश के कारण जिला मुख्यालय में भी तेजी से भूस्खलन और भू धँसाव हो रहा है। खतरा बढ़ने के कारण हेमा देवी पत्नी नंदन राम , सरस्वती देवी पत्नी लक्ष्मण राम, गणेश राम पुत्र कुंवर राम, प्रभु प्रसाद पुत्र रघुनाथ प्रसाद, विनीता देवी पत्नी ईश्वर राम , सरस्वती देवी पत्नी लक्ष्मण राम के घर में शिफ्ट किया गया है। जबकि मनोज कुमार पुत्र कुशल राम, ललित प्रकाश पुत्र कुशल राम को सोहन लोबियाल पुत्र पदी राम के मकान में शिफ्ट किया गया है। वहीं जगदीश कुमार पुत्र रामलाल को प्रभु प्रसाद पुत्र रघुनाथ प्रसाद के भवन में शिफ्ट किया गया। इसके अलावा नीमा देवी पत्नी खुशाल राम के मकान के आगे सुरक्षा दीवार लगभग 45 फीट लंबा तथा नौ फीट ऊंचा था वह क्षतिग्रस्त भी हो गया है। जिससे मकान कभी भी भविष्य मे गिर सकता है। क्योंकि इस घर में बड़ी-बड़ी दरारे पड चुकी हैं।

श्रीनगर गढ़वाल टीचर्स कॉलोनी के मकान में आई दरारें

पौड़ी जिले के श्रीनगर गढ़वाल में स्थित ऋषिकेश कर्णप्रयाग बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग घसिया महादेव के पास रेलवे सुरंग निर्माण कार्य ने टीचर्स कॉलोनी के निवासियों की परेशानियां बढ़ा दी है। दरअसल सुरंग के आसपास ऊपरी हिस्से में बने मकान की दीवारों समेत फर्स तक अचानक से दरारें उभर आई है। स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि करीब 12 परिवारों और अधिकांश किराएदारों को भवन खाली करना पड़ा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दीवारें धीरे-धीरे चौड़ी होती जा रही है जो बड़े खतरे को कभी भी दावत दे सकती है। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि करोड़ों रुपए की लागत से सुरंग निर्माण कार्य किया गया लेकिन रेलवे विकास निगम ने प्रभावित क्षेत्र की सुरक्षा और निवासियों के पुनर्वास पर कोई ध्यान नहीं दिया है और ना ही यहां पर अभी तक तकनीकी टीम जांच करने के लिए पहुंची है। इतना ही नहीं बल्कि निगम के अधिकारी तक स्थिति का जायजा लेने नहीं पहुंचे हैं। उनका कहना है कि यदि प्रशासन और निगम ने वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की तो वह सामूहिक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। प्रभावित परिवारों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें सुरक्षित स्थान पर ठहरने के साथ ही मकान का सर्वे कर उचित मुआवजा दिया जाए। स्थानीय निवासी वासुदेव कंडारी ने बताया कि घर में इतनी बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी है कि वह कभी भी गिर सकती है। बरसात में हालात दिन प्रतिदिन बदत्तर हो रहे है।

उत्तराखंड की सभी ताजा खबरों के लिए देवभूमि दर्शन के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़िए।।

More in UTTARAKHAND NEWS

UTTARAKHAND GOVT JOBS

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Lates News

To Top
हिमाचल में दो सगे नेगी भाइयो ने एक ही लड़की से रचाई शादी -Himachal marriage viral पहाड़ी ककड़ी खाने के 7 जबरदस्त फायदे!