Laxmi Kedarnath helicopter landing: केदारनाथ हादसे में लक्ष्मी बनी देवदूत, जान जोखिम में डालकर तीन यात्रियों और घायल पायलट को बचाया, पहाड़ की बेटी बनी वीरता की मिसाल
Laxmi Kedarnath helicopter landing: उत्तराखंड की वीरता की कहानियों में अब केदारघाटी की लक्ष्मी का नाम भी स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया है। हाल ही में केदारनाथ धाम मार्ग पर बड़ासु गांव के पास एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लेकिन इस हादसे में जहां चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल था, वहीं एक महिला ने असाधारण साहस दिखाकर चार लोगों की जान बचाकर सबका दिल जीत लिया। गौरतलब हो कि बडासू हेलीपैड से केदारनाथ धाम के लिए उड़ान भरते ही क्रेस्टल एविएशन का हेलीकॉप्टर मे तकनीकी खराबी आने के कारण पायलट ने हेलीपैड के ठीक नीचे स्थित गौरीकुंड हाइवे पर लैंडिंग करा दी थी, जिससे हेलीकॉप्टर असंतुलित होकर हेलीपैड से सटे नेशनल हाईवे पर जा गिरा। हादसे में हेलीकॉप्टर की पंखुड़ियां तेजी से घूमती रहीं, जिससे पास खड़ी एक कार पूरी तरह चकनाचूर हो गई और आसपास की दुकानों को भी भारी नुकसान पहुंचा। घटना के वक्त हर कोई अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन लक्ष्मी ने बिना वक्त गंवाए अपनी दुकान छोड़ लोगों की मदद के लिए दौड़ लगा दी।
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जब एक आम महिला बनी चार जिंदगियों की रक्षक kedarnath helicopter emergency landing laxmi saved 4 lives
लक्ष्मी ने तीन यात्रियों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित बाहर निकाला और घायल पायलट को भी बाहर निकालने की लगातार कोशिश करती रहीं, जब तक मदद नहीं पहुंच गई। उनकी निडरता और मानवता के प्रति समर्पण ने एक बार फिर साबित कर दिया कि देवभूमि की बेटियां किसी से कम नहीं हैं। बताया गया है कि जिस जगह पर हेलिकॉप्टर सड़क पर गिरा उसके ठीक नीचे की ओर लक्ष्मी की दुकान है। उन्होंने बताया कि तेज आवाज के कारण पहले तो वह अपनी बेटी सिया को बचाने के लिए दुकान के अंदर भागी। जिसके उपरांत उन्होंने बेटी को साथ लेकर जैसे ही बाहर की ओर रूख किया तो वहां का नजारा देख सन्न रह गई। जहां एक ओर हेलीकॉप्टर की पंखुडियां तेजी से चल रही थी और यात्री जान बचाने के शोर मचा रहे थे वहीं हर कोई अपनी जान बचाने की कोशिश में लगा था, जैसे यात्रियों की चीख-पुकार लोगों तो पहुंच ही नहीं पा रही हों।
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kedarnath helicopter crash Sirsi ऐसी विषम परिस्थितियों में बिना किसी प्रशिक्षण के लक्ष्मी ने जिस सूझबूझ और हिम्मत का परिचय दिया, वह अपने आप में प्रेरणादायक है। लक्ष्मी ने बिना अपनी जान की परवाह किए न तत्काल हेलीकॉप्टर के दरवाजे खोले और तीन यात्रियों को सुरक्षित निकाला, बल्कि गंभीर रूप से घायल पायलट को भी निकालने का प्रयास किया, लेकिन चोट अधिक लगी होने के कारण वह उसे हेलीकॉप्टर से बाहर निकालने में सफल नहीं हो पाई। बताया जा रहा है कि दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर में करीब 500 लीटर पेट्रोल भरा हुआ था, जिससे स्पष्ट है कि थोड़ी सी असावधानी भी कुछ ही पल में चार जिंदगियों को ले सकती थी, ऐसे में लक्ष्मी की तत्परता ने उन्हें दूसरी ज़िंदगी दी। लक्ष्मी की यह साहसिक घटना यह बताने के लिए पर्याप्त है कि वीरता किसी पद या वर्दी की मोहताज नहीं होती — इंसानियत के प्रति जज्बा ही असली पहचान बनाता है।
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