Connect with us
Uttarakhand news: Maneri Bhali dam hydroelectric project will see a new look in uttarakashi rehabilitation work begins

उत्तरकाशी

उत्तराखंड: मनेरी भाली बांध जल विद्युत परियोजना दिखेगी नए रूप, पुनर्वास का कार्य शुरू

Uttarakashi Maneri Bhali Dam:  उत्तरकाशी के मनेरी भरी बांध जल विद्युत परियोजना का होगा पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य जल्द दिखेगी एक नए स्वरूप में

देवभूमि उत्तराखंड न केवल आज अपनी आध्यात्मिकता, पौराणिकता, ऐतिहासिकता एवं पर्यटन स्थल के रूप में देश-विदेश में अपनी एक खास पहचान रखता है वरन देश के विभिन्न राज्यों के अधिकांश हिस्सों को बिजली के माध्यम से रोशन करने के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां अनेक ऐसी बांध परियोजनाएं निर्मित है जिनसे क‌ई मेगावाट बिजली उत्पादन किया जाता है। राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित ऐसी ही एक मनेरी भाली जल विद्युत बांध परियोजना है, जो अब जल्द ही नए स्वरूप में नजर आने जा रही है। जी हां… लगभग 40 वर्ष पुरानी इस बांध परियोजना को देश के बांध सुरक्षा कार्यक्रम को लेकर प्रस्तावित बांध पुनर्वास एवं सुधार परियोजना में शामिल किया गया है। बताया गया है कि सुधार परियोजना के तहत देशभर की नदियों पर निर्मित पुरानी बांध परियोजनाओं में संभावित बाढ़ के खतरे को कम करने, बांध की सुरक्षा और मजबूती के लिए स्पिलवे के सामने आने वाली चट्टानों को हटाकर उन्हें नया स्वरूप दिया जा रहा हैं।(Uttarakashi Maneri Bhali Dam)
यह भी पढ़ें– GOOD NEWS: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को मिली NGT से मंजूरी, मात्र ढाई घंटे में होगा सफर

प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर भागीरथी (गंगा) नदी पर बना मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना के दिन अब जल्द ही बहुरने वाले हैं। बताया गया है कि लगभग 40 वर्ष पुराने इस बांध को बाढ़ के खतरे से सुरक्षित एवं मजबूती प्रदान करने के लिए, विश्व बैंक के वित्तीय सहयोग से संचालित बांध पुनर्वास एवं सुधार परियोजना के द्वितीय चरण में शामिल किया गया है। इस संबंध में परियोजना के उप महाप्रबंधक (सिविल) एसके सिंह का कहना है कि मनेरी भाली बांध परियोजना में निर्मित चार स्पिलवे में से दो के सामने चट्टानी हिस्सा आता है। जिससे जल का बहाव अत्यधिक होने पर बहकर आए बोल्डर आगे नहीं निकल पाते और यहीं फंस जाते हैं। बोल्डरों के बार-बार टकराने से स्पिलवे व बांध की नींव के कमजोर होने खतरा बना रहता है। इसी के तहत बांध की सुरक्षा एवं मजबूती के दृष्टिकोण से दोनों स्पिलवे के सामने 20 मीटर चट्टानी हिस्से को हटाया जा रहा है।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में बनेगी देश की सबसे लंबी डबल अत्याधुनिक टनल लेन सुरंग, निर्माण कार्य हुआ शुरू

बताते चलें कि 1984 में निर्मित इस बांध परियोजना को वर्तमान में यूजेवीएन‌एल द्वारा संचालित किया जाता है। 39 मीटर ऊंचे इस रन ऑफ द रिवर डैम में 30-30 मेगावाट की तीन फ्रांसिस टरबाइन लगाई गई है जिनसे लगभग 90 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।

यह भी पढ़ें– जम्मू कश्मीर के तर्ज पर ही उत्तराखंड के इस जिले में ऑल वेदर रोड पर बनेगी टनल

उत्तराखंड की सभी ताजा खबरों के लिए देवभूमि दर्शन के WHATSAPP GROUP से जुडिए।

More in उत्तरकाशी

UTTARAKHAND GOVT JOBS

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Lates News

To Top
हिमाचल में दो सगे नेगी भाइयो ने एक ही लड़की से रचाई शादी -Himachal marriage viral पहाड़ी ककड़ी खाने के 7 जबरदस्त फायदे!