Mayank Manral Army lieutenant: अल्मोड़ा के मयंक मनराल बने सेना मे लेफ्टिनेंट, बढ़ाया परिजनों का मान…
Mayank Manral Army lieutenant: उत्तराखंड को वीरों की भूमि कहा जाता है क्योंकि यहां के प्रत्येक युवा का सपना होता है कि वह भारतीय सेना में शामिल होकर मां भारती के प्रति अपना जीवन समर्पित करें। जिसके लिए युवा लगातार जी तोड़ मेहनत व संघर्ष करते हैं ताकि उनका चयन देश सेवा के लिए भारतीय सेना में हो सके। इतना ही नहीं बल्कि अभी तक भारतीय सेना मे प्रदेश के कई सारे युवा चयनित हो चुके हैं जो भारतीय सेना मे शामिल होकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसी बीच अल्मोड़ा जिले के मयंक मनराल भी अपने कठिन परिश्रम की बदौलत भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित हुए है जो पूरे प्रदेश के लिए बेहद गर्व की बात है।
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Mayank Manral Almora lieutenant: बता दें मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के गांव फपना के पोस्ट ऑफिस बज्वाड के रहने वाले व वर्तमान में गोलनाकरडिया के रहने वाले मयंक मनराल ओटीए गया से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। मयंक ने अपनी 12वीं तक की शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल से पूरी की है । इसके बाद मयंक ने ग्राफिक एरा देहरादून से बीटेक की पढ़ाई पूरी की। दरअसल मयंक के पिता महेंद्र सिंह मनराल 16 कुमाऊँ रेजीमेंट से ऑनरी कैप्टन के पद से सेवानिवृत्त है जबकि मयंक की माता गीता मनराल गृहणी है। वहीं मयंक की बहन रेनू और उनके पति अनिल मलारा दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। मयंक ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता समेत समस्त गुरुजनों को दिया है जिन्होंने उनका मार्गदर्शन किया जिसकी बदौलत आज वह सेना में अफसर बने हैं। मयंक की इस विशेष उपलब्धि के बाद से उन्हें लगातार बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। वहीं पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल बरकरार है।