घास की गठ्ठर बांध रही मीना पर गुलदार ने पीछे से बोला हमला, तीन मासूम बच्चों के करूण रूदन से नम हुई सबकी आंखें…
घर में रोते बिलखते तीन मासूम बच्चे, पत्नी की मौत से बेसुध रमेश सिंह और परिजनों को सांत्वना देने के उमड़ी आस पड़ोस के ग्रामीणों की एक ऐसी भीड़ जो मासूम बच्चों के चेहरों को देखकर खुद के आंसू नहीं रोक पा रही। कुछ ऐसा ही हाल है इस वक्त बीते रोज तेंदुए का निवाला बनने वाली मीना नरियाल के परिवार का। बता दें कि बीते सोमवार का दिन जंगल में घास लेने गई मीना के परिवार के लिए मनहूस साबित हुआ। मीना पर गुलदार ने उस वक्त हमला किया जब वह अपने द्वारा काटी गई घास का गठ्ठर बांध रही थी। बताते चलें कि इस दुखद घटना में तीन मासूमों के सिर से मां का साया उठ गया। मृतका मीना पीछे तीन बच्चों 15 वर्षीय आयुष , 13 वर्षीय लक्की और 11 वर्षीय रेशमा को रोते बिलखते छोड़ गई है। मीना का शव घर पहुंचते ही उसके मासूम बच्चों के करूण रूदन ने वहां मौजूद हर एक शख्स की आंखों को नम कर दिया। कक्षा नौ में पढ़ने वाले आयुष, कक्षा सात में पढ़ने वाले लक्की और कक्षा छह में पढ़ने वाली रेशमा के उदास एवं मासूम चेहरे को देखकर न केवल परिजन बल्कि आस-पड़ोस के ग्रामीणों की आंखों से बह रही अश्रुओं की धारा ने सभी को भावविभोर कर दिया। यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: जंगल घास लेने गई महिला को गुलदार ने बनाया अपना निवाला मिला क्षत-विक्षत शव
गौरतलब है कि चम्पावत जिले के ढकना बडोला निवासी रमेश सिंह नरियाल की पत्नी मीना देवी गांव की अन्य महिलाओं के साथ बीते सोमवार को भी रोज की तरह पशुओं के लिए चारा पत्ती लाने एकहथिया नौला के समीप स्थित जंगल में गई थीं। इसी दौरान एक गुलदार ने मीना पर पीछे से हमला कर दिया था। बता दें कि गुलदार उसकी गर्दन में दांत गड़ाकर उसे घसीटते हुए घटनास्थल से 700 मीटर दूर तक ले गया। एकाएक हुए गुलदार के इस हमले से मौके पर मौजूद गांव की अन्य महिलाओं में चीख-पुकार मच गई। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों और वन विभाग की टीम को काफी खोजबीन के बाद मृतका का क्षत-विक्षत शव वन पंचायत बलाई के झड़पतिया इलाके से बरामद हुआ। इस घटना से समूचे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। दहशतग्रस्त ग्रामीणों ने वन विभाग और प्रशासन से तेंदुए को जल्द से जल्द पकड़ने या फिर मारने की मांग की है।