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Saulia Garikhet village Nainital marriage road issue
Image : सांकेतिक फोटो ( Nainital marriage road issue)

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नैनीताल: इन गांवों में लड़के लड़कियों की शादी होना हो गया मुश्किल, जानिए आप भी समस्या…

Nainital marriage road issue: खूबसूरती के बावजूद भी दर्द झेल रहे नैनीताल से लगे गांव , सुविधाओं के अभाव के चलते नही लाना चाहता यहाँ से कोई बहू, ना ही कोई अपनी बेटियों की शादी करवाना चाहता है यहाँ….

Saulia Garikhet village Nainital marriage road issue: उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सरोवर नगरी नैनीताल में जहां एक ओर लाखों की संख्या में पर्यटकों की भीड़ वर्ष भर उमड़ी रहती है। इतना ही नहीं बल्कि नैनीताल जिस तरह से पर्यटन क्षेत्र के रूप में उभर रहा है उससे यह अंदाजा लगा पाना बेहद मुश्किल है कि नैनीताल से कुछ किलोमीटर दूर बसे कई गांव आज भी सुविधाओं के अभाव के चलते दर्द तो झेल ही रहे है लेकिन इसके साथ ही यहां युवाओं और युवतियों की शादी कराना भी दिन प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है जिसकी वजह सिर्फ सड़कों का ना होना और बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था का चरमराना है ।

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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार नैनीताल जिले से 10 किलोमीटर दूर स्थित सौलिया गांव और ग्राम सभा गैरीखेत मे आज तक ना तो यहां पर सड़के आई है और ना ही स्वास्थ्य सुविधाओं तथा शिक्षा रोजगार की पुख्ता व्यवस्था है जिसका परिणाम यह है कि दूसरे गांव के लोग ना तो यहां अपनी बेटियों की शादी करवाना चाहते हैं और ना ही इस गांव से कोई बहु ले जाना पसंद करता है। सौलिया गांव के युवाओं की शादी बस यही पर अटक जाती है कि उनके गांव तक पहुंचने का कोई भी बेहतर साधन उपलब्ध नहीं है जिस पर गांव वालों का कहना है कि वर्षों से चुनाव आते ही नेता वादा तो करते हैं कि वह जीतने के बाद गांव में सड़क लेकर आएंगे लेकिन हर बार जीतने के बाद वह अपने सब वादे भूल जाते हैं। इतना ही नहीं बल्कि इस गांव की लड़कियां सुंदर और गुणी होने के बावजूद भी कुंवारी बैठी है ।

सुविधाओं के अभाव के चलते युवक युवतियां बैठे कुँवारे 

ग्रामसभा गैरीखेत में हालात इतनी चिंताजनक है कि यहां पर आजादी के बाद भी सड़के नहीं बन पाई है जिसके कारण ग्रामीणों को रोजाना 10 किलोमीटर का पहाड़ी सफर पैदल चलकर तय कर नैनीताल पहुंचना पड़ता है। यदि कोई बीमार हो जाए तो आज भी उसे लोग डोली मे उठाकर ले जाते है। सुविधाएं न होने के कारण युवक युवतियों के लिए रिश्ते तो पहले से नही आ रहे है उल्टा इस गांव से पलायन भी तेजी से होने लगा है।

ग्रामीणों में आक्रोश किया बहिष्कार का ऐलान

धारी ब्लॉक के बबियाड ग्राम सभा के तोक बिरसिंग्या के सामाजिक कार्यकर्ता रमेश टम्टा का कहना है कि देश को आजाद हुए 75 वर्ष हो चुके हैं लेकिन हमारे गांव में अभी तक पक्की सड़के नहीं बन पाई है। चुनाव के समय नेता बड़े-बड़े दावे तो करते हैं लेकिन जीतने के बाद कोई गांव का हाल तक पूछने नहीं जाता है।

कुंवारे लड़कों और लड़कियों के लिए रिश्ते आने बंद

अब तो स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि कुंवारे लड़कों और लड़कियों के लिए रिश्ते आने बंद हो गए हैं। नैनीताल जिले के ऐसे कोई एक दो नहीं बल्कि दर्जनों गांव आज भी बिना सड़क और बुनियादी सुविधाओं के जीवन जीने पर मजबूर है। वहीं कई गांव के लोग अब पंचायत चुनाव में खुलकर विरोध करने पर उतर आए हैं उनका कहना है कि सड़क नहीं तो वोट नहीं।

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