Pirul briquet plant Champawat : पिरूल से बनाई जायेगी ईंट, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम मे पिरूल से ईंट बनाने की कार्यशाला व ट्रेनिंग का किया गया प्रदर्शन…….
Pirul briquet plant Champawat : उत्तराखंड राज्य में गर्मी के मौसम में जंगलों में अक्सर धधकती आग की वजह से लाखों की वन संपदा जलकर नष्ट हो जाती है और जिसकी वजह से जंगलों में मौजूद पशु, पक्षियों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ता है। इतना ही नहीं इस समस्या से ग्रामीण से लेकर सरकार तक परेशान नजर आती है। वनाग्नि की रोकथाम और इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार द्वारा 8 मई को ऐतिहासिक फैसला लिया गया था जिसमें सरकार ‘ पीरुल लाओ पैसा पाओ’ मिशन पर कार्य कर रही है इसका उद्देश्य जंगल की आग को कम कर पिरूल को ग्रामीणों की आजीविका का सहारा बनाना है।
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बता दे सरकार द्वारा संचालित पिरुल लाओ पैसा पाओ योजना को सफल बनाने के लिए भिंगराड़ा में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोलियम, देहरादून के विज्ञानी डॉ. पंकज आर्य के नेतृत्व में पिरुल से ब्रिकेट्स (ईंट) बनाने की कार्यशाला व ट्रेनिंग का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान वनों को आग से बचाने के तौर तरीकों को भी विस्तार से साझा किया गया तथा वनाग्नि चंपावत की नोडल अधिकारी डॉ. तेजस्विनी पाटिल ने कहा कि वन अग्नि से बचाव होगा और साथ ही यह ग्रामीण लोगों की आय का भी एक जरिया बनेगा।
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इस दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि यूकास्टा द्वारा जून के महीने में चंपावत के पाटी ब्लॉक के भिंगराड़ा में पिरुल द्वारा ब्रिकेट बनाने की यूनिट लगाई जाएगी। जिसके लिए भिंगराड़ा की महिलाओं द्वारा पिरूल को एकत्रित करना शुरू कर दिया गया है। दरअसल ब्रिकेट यूनिट की स्थापना यूकास्ट द्वारा आईआईपी देहरादून की मदद से की जाएगी। इन ईंटो का इस्तेमाल उन्नत चुल्हे के रूप में घरों में ऊर्जा संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से किया जाएगा साथ ही महिला सशक्तिकरण परियोजना के अंतर्गत चंपावत में बनने वाले एनर्जी पार्क में इसे स्थापित किया जाएगा तथा घरों मे भी ईधन के रूप मे ब्रिकेट का प्रयोग किया जा सकेगा।