पिरूल बनेगा ग्रामीणों की आजीविका का सहारा, सरकार खरीदेगी 50 रू0 प्रति किलो की दर से
Uttrakhand forest fire Pirul : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते बुधवार को जंगल में आग की घटनाओं को रोकने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है जिसमें सरकार ‘ पीरुल लाओ पैसा पाओ’ मिशन पर कार्य कर रही है इसका उद्देश्य जंगल की आग को कम कर पिरूल को ग्रामीणों की आजीविका का सहारा बनाना है।
Uttrakhand forest fire Pirul
आपको बता दे बीते बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जंगल में बढ़ती आग की घटनाओं को रोकने के लिए की जा रही व्यवस्थाओं को देखने के लिए रुद्रप्रयाग पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने जंगलो की आग को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की और इसके बाद वह ग्राउंड जीरो पर पहुंचे जहां उन्होंने जंगल में बिखरी हुई पिरुल की पत्तियों को एकत्र कर लोगों को इसके साथ जुड़ने का संदेश दिया। इतना ही नही उन्होंने कहा कि पिरूल की सूखी पत्तियां वनाग्नि का सबसे बड़ा कारण होती है। जिसके लिए उन्होंने प्रदेश की जनता से अनुरोध किया कि आप भी आसपास के जंगलों को बचाने के लिए युवक मंगल दल, महिला मंगल दल, और स्वयं सहायता समूह के साथ मिलकर बड़े स्तर पर इसे अभियान के रूप में संचालित करने का प्रयास करें।
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आपको बता दें वनाग्नि को रोकने के लिए सरकार (पिरूल लाओ पैसा पाओ ) मिशन पर भी कार्य कर रही है और इस मिशन के तहत जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरुल कलेक्शन सेंटर पर 50 रुपए प्रति किलो की दर से पिरूल खरीदे जाएंगे। जिससे ग्रामीण लोगों की आजीविका पर भी सुधार होगा। बता दें कि इस राशि को ₹3 से बढ़ाकर इसकी कीमत ₹50 कर दी है। इसके साथ ही इस मिशन का संचालन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया जाएगा जिसमें 50 करोड़ का कार्पस फंड अलग से रखा जाएगा। बता दें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार जंगल में आग लगाने वाले अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरता कार्रवाई भी करेगी।