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Haridwar pregnant women: हरिद्वार में डिलिवरी के बाद 22 वर्षीय प्रसूता की गई जिंदगी
pregnant women aarti of laksar haridwar died after delivery in new DevBhoomi hospital uttarakhand latest news today: डिलीवरी के बाद 22 वर्षीय प्रसूता की मौत, परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा, धरने पर बैठे परिजन, ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुई नोकझोंक..
pregnant women aarti of laksar haridwar died after delivery in new DevBhoomi hospital uttarakhand latest news today: उत्तराखंड के हरिद्वार जिले से एक दुखद खबर सामने आ रही है, जहां पर प्रसूता महिला की डिलीवरी के बाद उसकी जिंदगी चली गई। महिला की मौत का जिम्मेदार परिजनों ने डॉक्टरों की लापरवाही को बताते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया। इतना ही नहीं बल्कि अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का संकीर्ण आरोप लगाते हुए परिजन अस्पताल में ही धरने पर बैठ गए। बताते चले प्रदेश में यह इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है। बल्कि पहाड़ से लेकर मैदान तक की स्वास्थ्य सुविधाओं के हाल कुछ इस तरह ही बेहाल है जिसके चलते अभी तक कई सारी प्रसूताएं जिंदगी की जंग हार चुकी है।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार हरिद्वार जिले के लक्सर क्षेत्र के भोगपुर गांव की निवासी 22 वर्षीय आरती पत्नी अंकित को बीते शुक्रवार को प्रसव पीड़ा उठी। जिसके बाद आरती के परिजन उसे बीते शुक्रवार के दिन राजकीय महिला चिकित्सालय लेकर पहुँचे ,जहाँ पर चिकित्सको ने आरती को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद परिजन उसे हरिद्वार कॉलोनी के न्यू देवभूमि अस्पताल लेकर पहुंचे। इस दौरान अस्पताल के प्रबंधन ने पहले उनसे ₹40000 की मांग की और कुछ समय बाद फीस बढाकर 65,000 रुपये कर दी। वहीं पैसे की व्यवस्था के बीच ही आरती का ऑपरेशन कर दिया गया ,जहां पर बच्चे की डिलीवरी तो सुरक्षित तरीके से कर ली गई। लेकिन उसके बाद आरती की हालत बिगड़ने लगी जिसे आईसीयू में भर्ती किया गया।
डिलीवरी के कुछ घंटे बाद गई आरती की जिंदगी
आईसीयू में भर्ती होने के बाद आरती की स्थिति में कुछ सुधार नहीं हुआ जिसके कारण कुछ घंटे में ही प्रसूता की मौत हो गई। आरती की मौत की खबर सुनते ही उसके परिजन गुस्सा हो गए जिन्होंने अस्पताल में जमकर बवाल किया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन से लोगों ने बात करने का प्रयास किया लेकिन सभी डॉक्टर और स्टाफ अस्पताल छोड़कर भाग गए। जिससे आरती के परिजन व ग्रामीणों को धरने पर बैठना पड़ा।
परिजनो व पुलिस के बीच हुई झड़प
जैसे ही इस घटना की जानकारी पुलिस प्रशासन को मिली तो वह तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे। पुलिस प्रशासन ने परिजनों को समझाने का काफी प्रयास किया लेकिन इस दौरान परिजनों और पुलिस के बीच नोकझोंक हो गई। पुलिस प्रशासन द्वारा जैसे तैसे आरती के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची जिन्होंने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है वहीं अस्पताल प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है।
डॉक्टर बोले आरती को बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन बचा नहीं पाए
न्यू देवभूमि अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. सुशील शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि आरती के प्लेटलेट्स और खून पहले से ही कम था, जिसकी जानकारी उसके परिजनों को पहले ही दे दी गई थी। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सर्जरी सफल रही लेकिन बाद में इंटरनल ब्लीडिंग बढ़ने से आरती की जान खतरे मे आ गई थी। जिसके बाद उसे बचाने का प्रयास किया गया लेकिन डॉक्टर इसमें असफल रहे।
ओटी को कर दिया गया सील
बताते चलें इस पूरे मामले को ध्यान मे रखते हुए हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया की मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जांच टीम गठित कर दी है। इसके साथ ही अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर को भी सील कर दिया गया है। इस मामले मे जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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