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Sarswati Shishu Mandir principal dalip Singh 4 month old son died in Srinagar medical College base hospital pauri Garhwal Uttarakhand news today
Image : social media ( Srinagar base hospital news)

UTTARAKHAND NEWS

Srinagar Garhwal: श्रीनगर में प्रधानाचार्य के 4 माह के बेटे की मौत, चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप

Srinagar base hospital news : राजकीय मेडिकल कॉलेज टीचिंग बेस अस्पताल में चार माह के बच्चे की मौत, परिजनों ने लगाए डॉक्टरों पर लापरवाही के गंभीर आरोप, दोषियों के खिलाफ उठाई कार्यवाही की मांग..

Sarswati Shishu Mandir principal dalip Singh 4 month old son died in Srinagar medical College base hospital pauri Garhwal Uttarakhand news today: उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों से आए दिन डॉक्टरों की लापरवाही के मामले सामने आते रहते हैं। इतना ही नहीं बल्कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मरीजों को उचित उपचार नहीं मिल पाता है जिसके चलते उनकी जिंदगी तक चली जाती है। ऐसी ही कुछ दुखद खबर पौड़ी जिले से सामने आ रही है, जहां पर बेस अस्पताल में चार माह के बच्चे को उचित उपचार न मिल पाने के कारण उसकी जिंदगी चली गई। परिजनों ने बच्चे की मौत का जिम्मेदार डॉक्टरों को ठहराते हुए उन पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है।

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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार पौडी जिले के सरस्वती विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्यूंकालेश्वर में तैनात प्रधानाचार्य दिलीप सिंह बीते 20 सितंबर को अपने चार माह के बेटे को खांसी की समस्या होने के कारण श्रीनगर लाए थे। दरअसल पौड़ी अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्चे को निमोनिया की शिकायत की आशंका के चलते श्रीनगर रेफर किया था। जहां पर राजकीय मेडिकल कॉलेज के टीचिंग बेस चिकित्सालय में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने बार-बार उसकी स्थिति सामान्य बताई।

डॉक्टर ने बच्चे को दिया इंजेक्शन करीब 1 घण्टे बाद गई जिंदगी

हालांकि इस दौरान बच्चे की हालत लगातार बिगड़ती रही। वहीं बीते 22 सितंबर की सुबह करीब 3:30 बजे बच्चे की तबीयत और अधिक बिगड़ गई। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे इंजेक्शन दिया लेकिन इंजेक्शन के बाद बच्चे के होंठ सूखने की शिकायत पर डॉक्टर ने उसे दूध पिलाने की सलाह दी। जिसके 1 घंटे बाद शिशु ने हरकत करना बंद कर दिया और डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

बच्चे के शव को ले जाने के लिए नही दी गई एम्बुलेंस

परिजनों का आरोप है कि बच्चे की मौत के स्पष्ट कारण नहीं बताए गए। इतना ही नहीं बल्कि इलाज की रिपोर्ट भी उपलब्ध नहीं कराई गई। इसके साथ ही बच्चे के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा भी नहीं दी गई। सोशल मीडिया पर मामले को तूल पकड़ता देख अस्पताल प्रशासन ने बीते मंगलवार को एक पत्र जारी कर परिजनों द्वारा शव को निजी वाहन से ले जाने की पुष्टि की। हालांकि पत्र पर दिनांक और पत्र संख्या हाथ से लिखी गई थी जिसके बाद पीजी जूनियर रेजिडेंट के हवाले से डेथ समरी रिपोर्ट भी जारी की गई जिस पर 22 सितंबर की तिथि अंकित है।

बेस चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सतीश के संज्ञान में पहुंचा मामला, जानें क्या कहा

बेस चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सतीश ने कहा कि परिजनों की शिकायत प्राप्त हुई है। एंबुलेंस की उपलब्धता न होने के कारण तत्काल वाहन नहीं मिल पाया वहीं डॉक्टर से संबंधित आरोपों की भी जांच की जा रही है। घटना के बाद से मृतक बच्चे के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है वहीं उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग उठाई है।

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