Ramnagar garjiya Devi elephant : 40 सीढ़ियां चढकर मंदिर पहुंचा हाथी जमकर मचाया उत्पात, मंदिर परिसर में रखें फूल प्रसाद किए तहस-नहस, CCTV मे वीडियो कैद…
Ramnagar garjiya Devi elephant video viral : उत्तराखंड के नैनीताल जिले से एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है ,जहां पर रामनगर स्थित गर्जिया देवी मंदिर में जंगल से भटककर अचानक एक जंगली हाथी मंदिर परिसर में घुस गया। इतना ही नहीं बल्कि हाथी ने करीब 2 घंटे तक मंदिर में जमकर उत्पात मचाया। हैरानी की बात तो यह है कि हाथी 40 सीढियों को चढकर मंदिर पहुँचा जिसका वीडियो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार नैनीताल जिले के रामनगर स्थित गर्जिया देवी मंदिर में बीते शुक्रवार की रात लगभग 1:00 बजे के आसपास एक जंगली हाथी जंगल से भटकते हुए मंदिर परिसर की ओर पहुंचा। जिस पर स्थानीय लोगों को पहले तो लगा कि शायद कोई बड़ा जानवर नीचे पुल पर घूम रहा है। लेकिन कुछ ही देर बाद हाथी मंदिर की सीढ़ियों पर चढ़ता हुआ दिखाई दिया।
मंदिर पहुँचे हाथी ने सब कुछ किया तहस, नहस
इतना ही नहीं बल्कि हाथी ने मंदिर परिसर में रखें फूल प्रसाद और अन्य सामग्री को तहस-नहस कर खूब उत्पात मचाया। इसके साथ ही मंदिर के पास बनी अस्थाई दुकानों को भी हाथी ने नुकसान पहुंचाया, जिसका वीडियो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। सीसीटीवी वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि हाथी कैसे धीरे-धीरे सीढ़ियां चढ़कर मंदिर में पहुंचा और उसके कुछ देर बाद नीचे लौट गया। मंदिर परिसर के पुजारी का कहना है कि हाथी लगभग दो घंटे तक मंदिर परिसर में घूमता रहा। हालांकि जैसे ही उसने उत्पात मचाना शुरू किया तो उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर घटना स्थल पहुंची।
सीढ़ियां चढकर मंदिर पहुँचा भारी भरकम हाथी, लोग मान रहे चमत्कार
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गर्जिया मंदिर के आसपास हाथियों की आवाजाही लगातार बढ़ रही है क्योंकि यह इलाका कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बफर जोन से सटा हुआ है। अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि रात के समय मंदिर क्षेत्र में आवाजाही करने से बचे तथा जंगली जानवरों के प्रति सतर्क रहें। सोशल मीडिया पर भारी भरकम हाथी के सीढियो पर चढ़कर मंदिर पहुंचने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिस पर कई लोग कह रहे हैं कि यह गर्जिया माता का चमत्कार है जबकि वन्य जीव विशेषज्ञ इसे जंगल के क्षेत्र में मानवीय गतिविधियों के बढ़ने का संकेत मान रहे हैं जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।