Pirool rakhi Manju sah: पहाड़ में बेकार समझे जाने वाले पिरूल से राखी सहित कई खूबसूरत उत्पाद बना रही है मंजू, लोगों को खासी पसंद आ रही है उनकी राखियां…
Pirool rakhi Manju sah
आज पलायन, उत्तराखण्ड की प्रमुख समस्याओं में से एक है। जिसका सबसे बड़ा कारण शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार समझ में आता है। पलायन के कारण जहां गांव के गांव खाली हुए हैं वहीं पहाड़ के कुछ हुनरमंद, मेहनती एवं लगनशील युवा ऐसे भी हैं जिन्होंने पहाड़ में रहकर ही न केवल अपने गांव को आबाद किया है बल्कि स्वरोजगार की राह पकड़कर अपनी आर्थिकी मजबूत करने के साथ ही प्रदेश के दूसरे युवाओं को भी एक नई राह दिखाई है। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही मेहनतकश महिला से रूबरू कराने जा रहे हैं जिन्होंने बेस्ट आउट-ऑफ-वेस्ट के फार्मुले को साकार करते हुए पहाड़ में बेकार समझे जाने वाले एवं वनाग्नि का सबसे बड़ा कारण माने जाने वाले पिरूल से खूबसूरत उत्पाद जैसे राखी, फूलदान, टोकरी, कटोरी, गोल हैट, बैठने के आसन, पायदान आदि बनाकर न केवल स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाए हैं बल्कि वह राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के साथ ही कई अन्य राज्यों की महिलाओं को भी इसका प्रशिक्षण देकर आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का काम किया है। जी हां…बात हो रही है ‘ उत्तराखण्ड की पिरूल वुमेन’ के नाम से मशहूर मंजू आर साह की, जिनके द्वारा बनाए गए पिरूल के बेहतरीन उत्पादों को लोग हाथों-हाथ ले रहे हैं।
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देवभूमि दर्शन से खास बातचीत:-
Pirul rakhi online order देवभूमि दर्शन से खास बातचीत में पिरूल वुमैन के नाम से मशहूर मंजू आर साह ने बताया कि वे मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले के कपकोट तहसील क्षेत्र के असों गांव की रहने वाली है। उन्होंने यही से अपनी शिक्षा दीक्षा प्राप्त की है और वर्तमान में शादी के बाद से वह अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट के हाट गांव में स्थित अपने ससुराल में रहती हैं। यही से उन्होंने वर्ष 2010 में वेस्ट पड़े पिरूल से बेस्ट उत्पाद बनाने की राह पकड़ी। आज उनकी सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जहां उनके खूबसूरत उत्पादों को उत्तराखंड के साथ ही देश के विभिन्न राज्यों में लोगों द्वारा खासा पसंद किया जा रहा है वहीं आज वह उत्तराखण्ड की पिरूल वुमैन के नाम से भी मशहूर हो गई है। खासतौर पर उनकी बनाई गई पिरूल की खूबसूरत राखियां लोगों को खासा पसंद आ रही है। मंजू बताती है कि उनकी इन खूबसूरत राखियों को देखते ही लोग उनकी ओर आकर्षित हो जा रहे हैं। आप इंस्टाग्राम पर pirul_woman_uttrakhand पर संपर्क कर उनसे पिरूल की इन खूबसूरत राखियों को आनलाइन आर्डर कर सकते हैं।
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आपको बता दें कि मंजू आर शाह ने वेस्ट पड़े पिरूल से न केवल स्वरोजगार की अलख जगाई है बल्कि वह अपने आस पास की अन्य महिलाओं को प्रशिक्षित करने के साथ ही हिमाचल, झारखंड जैसे अनेक दूसरे राज्यों की महिलाओं को भी इस दिशा में प्रेरित करने का काम भी कर रही है। जिसके लिए उन्हें इण्डिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल की ओर से वर्ष 2019 में कोलकाता में बेस्ट अपकमिंग आर्टिस्ट के अवार्ड से भी नवाजा गया है।