Triyuginarayan Temple Wedding Destination : वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रहा रुद्रप्रयाग जिले में स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर, 4 महीने में 500 से ज्यादा विवाह हुए संपन्न, हर महीने 100 से अधिक हो रही शादियां..
Triyuginarayan Temple Wedding Destination: उत्तराखंड समेत देशभर में शादियों का सीजन शुरू हो चुका है इस दौरान वर वधु शादी के बंधन में बंधने के लिए ऐसी डेस्टिनेशन पर विवाह करना उचित समझते हैं जो उनके खास पल को हमेशा के लिए यादगार बना दें इतना ही नहीं बल्कि उनके इस खास पल को हमेशा के लिए यादगार बनाने के लिए रुद्रप्रयाग जिले में स्थित त्रियुगी नारायण मंदिर से बेहतर शायद ही कोई जगह हो सकती है । बताते चले त्रियुगीनारायण मंदिर मे भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था जिसके चलते इस मन्दिर की अपनी लोक परंपराएं और मान्यताएं हैं। अक्सर शादियों के सीजन में इस स्थान पर हर महीने 100 से अधिक शादियां हो रही है इसके साथ ही त्रियुगी नारायण मंदिर बीते कुछ सालों में वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर उभरा है जो प्रदेश के लिए बेहद खुशी की बात है।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार रुद्रप्रयाग जिले की वेडिंग प्लानर रंजना रावत ने बताया कि बीते 7 से 9 मई के बीच सिंगापुर में कार्यरत भारतीय मूल की डॉक्टर प्राची यहां पहुंची जिन्होंने जीएमवीएन टीआरएच बुक किया हुआ था उन्होंने बताया कि इस वर्ष अप्रैल महीने तक यहां करीब 500 शादियाँ संपन्न हो चुकी है जबकि वर्ष 2024 मे कुल 600 शादियां संपन्न हुई थी। उन्होंने बताया कि अब तक यहां पर इसरो के एक वैज्ञानिक अभिनेत्री चित्रा शुक्ला,कविता कौशिक, गायक हंसराज रघुवंशी युटुबर आदर्श सुयाल, गढ़वाली लोक गायक सौरभ मैठानी व बॉलीवुड के एक्टर गोविंदा की भांजी आरती सिंह जैसी कई सारी जानी-मानी हस्तियां सात फेरे लेते हुए विवाह के बंधन में बंध चुके हैं। मंदिर के पुजारी सच्चिदानंद पंचपुरी का कहना है कि यहां पर सनातन मतावलंबियों का विवाह वैदिक परंपराओं के अनुसार संपन्न होता है जिसके लिए पहले रजिस्ट्रेशन करवाया जाता है इसके बाद यहां पर माता-पिता अभिभावकों की मौजूदगी में ही विवाह संपन्न होता है।
मंदिर परिसर में बनी है वेदी
सात फेरे लेने के लिए परिसर में ही वेदी बनाई गईहै इसके साथ ही अखंड ज्योति के साथ पग फेरा लिया जाता है। इसके अलावा अन्य सभी आयोजन नजदीकी होटल और रिसॉर्ट में संपन्न कराए जाते हैं। बताते चलें यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है मान्यता के अनुसार यहां पर भगवान शिव और पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि देवी पार्वती के भाई के रूप में भगवान विष्णु ने कन्यादान किया था । मंदिर के प्रांगण में एक पवित्र अखंड अग्नि है जहां पर शिव पार्वती ने सात फेरे लिए थे। आपको जानकारी देते चले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद उत्तराखंड में देश-विदेश से लोग त्रियुगी नारायण मंदिर मे विवाह करने के लिए पहुंच रहे हैं जहां पर उन्हें भगवान शिव माता पार्वती के साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
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