UKSSSC paper leak case: ₹400 दिहाड़ी पर रखे थे बायोमेट्रिक और जैमर लगाने वाले कर्मी, सिस्टम में है खोट, या फिर जान बूझकर की गई चूक…
question to UKSSSC System on paper leak case question, why daily wage labourers install biometric jammers Uttarakhand news today: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक का मामला अब तूल पकड़ चुका है। जिसके कारण बेरोजगार युवा लगातार सरकार व आयोग के खिलाफ धरना दे रहे हैं। वही 2021 में नकल प्रकरण ने आयोग से लेकर सरकार को सवालों के घेरे में फंसा दिया है। अभी तक नकल माफिया हाकम सिंह समेत 82 आरोपितों को जेल भेजा गया है। बावजूद इसके सरकार ने प्रदेश में सख्त नकल कानून तो बनाया लेकिन बड़ी परीक्षाओं के दौरान संसाधन उपलब्ध कराने की परेशानी नहीं उठाई। इतना ही नहीं बल्कि हैरानी की बात तो यह है कि 21 सितंबर को UKSSSC की स्नातक स्तरीय परीक्षा संपन्न करने के लिए बायोमेट्रिक और जैमर लगाने के लिए कर्मचारी दिहाड़ी पर लगाए गए थे। हालांकि जैमर लगने के बाद भी पेपर परीक्षा केंद्र से लीक हो गया।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के चलते विभिन्न परीक्षा केंद्रों मे जैमर लगाए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि बायोमेट्रिक और जैमर लगाने के लिए जिन कर्मचारियों को लगाया गया था वो हाई स्कूल और इंटरमीडिएट पास है जिन्हे बायोमेट्रिक और जैमर लगाने का प्रशिक्षण दिया गया जबकि तकनीकी जानकारी नहीं दी गई। कर्मचारियों को 400 से ₹500 की दिहाड़ी दी गई थी। परीक्षा केंद्रो मे जो जैमर लगाए गए थे उनमें प्लग भी नहीं थे और जैमर ऐसे लगे हुए थे जो हवा में लटक रहे थे। जब जांच शुरू हुई तो यह बात सामने आई कि कई केंद्रों मे जैमर नही लगे थे।
अन्य परीक्षा केंद्र भी जांच के घेरे में
हरिद्वार स्थित बहादुरपुर जाट स्थित आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज से पेपर लीक होने के बाद अब अन्य परीक्षा केंद्रो पर भी गंभीर सवाल उठने लगे हैं। पुलिस जांच में बायोमेट्रिक जैमर लगाने वाले कर्मियों के साथ-साथ केंद्र का स्टाफ भी पुलिस की रडार पर आ गया है। स्कूल स्टाफ समेत 15 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है वहीं लापरवाही पर स्टाफ पर भी गाज गिर सकती है। पुलिस का मानना है कि बिना स्टाफ की मिलीभगत के पेपर का बाहर आना संभव नहीं है। बताते चले पेपर लीक करने वाले मास्टरमाइंड खालिद ने पेपर के केवल तीन पन्ने बाहर भेजे या पूरा पेपर ये जांच के बाद ही सामने आ सकेगा।
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