Uttarakhand First Class admission age limit: कक्षा 1 में प्रवेश के लिए बच्चों की आयु सीमा 6 वर्ष हुई तय, इस अनिवार्यता से स्कूल खाली होने की सता रही चिंता… Uttarakhand First Class admission age limit : उत्तराखंड में कक्षा 1 में प्रवेश पाने के लिए बच्चों की न्यूनतम आयु सीमा 6 वर्ष तय की गई है जिसके चलते नई अनिवार्यता के कारण कई स्कूलों में प्रवेश के लिए योग्य छात्रों की संख्या में गिरावट आने की पूर्ण संभावना जताई जा रही है जिसको लेकर शिक्षक बेहद चिंतित नजर आ रहे हैं और लगातार इस अनिवार्यता को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। बताते चले गई स्कूलों को डर है कि इस अनिवार्यता के कारण कक्षाएं खाली रह सकती है। अभिभावक भी इस निर्णय को लेकर असमंजस में है क्योंकि कई माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे जल्दी स्कूल जाएं जबकि छोटे निजी स्कूलो को सरकार के इस फैसले से सबसे अधिक नुकसान हो सकता है।
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बता दें उत्तराखंड के विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2025 26 की शुरुआत बीते मंगलवार से हो गई है लेकिन इसके साथ ही कक्षा एक में दाखिले के लिए बच्चों की आयु सीमा भी तय कर ली गई है जिसमें केवल 6 वर्ष के बच्चों को ही कक्षा 1 में दाखिला दिया जा सकेगा जिसको लेकर शिक्षक चिंतित है। शिक्षकों का मानना है कि आयु सीमा में अनिवार्यता के चलते कई बच्चे कक्षा 6 में प्रवेश पाने से वंचित रह सकते हैं जिसको ध्यान में रखते हुए आयु सीमा की अनिवार्यता को खत्म करने के लिए राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से कई बार विभागीय अधिकारियों को पत्र भी दिया गया है। शिक्षकों का कहना है कि पहले से ही वो कम छात्र नामांकन से जूझ रहे हैं जिसके चलते सरकारी विद्यालयों में इस आदेश से शिक्षकों की चिंता और अधिक बढ़ गई है ऐसे में शिक्षक लगातार इस नियमावली पर संशोधन की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिन बच्चों की 2 अप्रैल या उसके बाद 6 साल उम्र पूरी होती है तो क्या वह पूरे साल भर विद्यालय में प्रवेश से वंचित रहेंगे ये बेहद सोचनीय विषय बन गया है जिस पर सरकार को कोई महत्वपूर्ण फैसला लेना चाहिए।