उत्तराखंड सरकार एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं की आर्थिक सहायता के लिए उन्हें पेंशन देने जा रही है इसके लिए राज्य सरकार की जितनी तारीफ की जाए कम है।
पूरे देश में जहां इन दिनों दीपिका पादुकोण की सत्य घटना पर आधारित फिल्म ‘छपाक‘ का बायकॉट हो रहा है वहीं उत्तराखण्ड सरकार ने इस फिल्म से प्रेरित होकर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। जी हां.. उत्तराखण्ड सरकार तेजाब के हमले पीड़ित महिलाओं को मासिक पेंशन देने जा रही है। सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। सबसे खास बात तो यह है कि तेजाब पीड़ितों को पेंशन देने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा। राज्य की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने सरकार के निर्णय से अवगत कराते हुए कहा कि अभी तक किसी भी राज्य में इस तरह की व्यवस्था नहीं है, हालांकि गृह मंत्रालय की ओर से इन महिलाओं को जरूर पेंशन दी जाती है। सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय के बाद इन महिलाओं को आर्थिक सहायता मिलेगी। बताते चलें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने भी एसिड अटैक के एक मामले में सख्त रुख अपनाते हुए सरकार से कठोर कार्रवाई करने के लिए कहा था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखण्ड सरकार तेजाब हमले से पीड़ित महिलाओं को मासिक पेंशन देने का ऐतिहासिक निर्णय लेने जा रही है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के अनुसार महिला सशक्तिकरण विभाग ने इन महिलाओं को हर महीने सात से दस हजार रुपये पेंशन देने का प्रस्ताव तैयार किया है। अब इस प्रस्ताव को आगामी कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। बता दें कि यदि इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई तो उत्तराखंड तेजाब पीड़ितों को पेंशन देने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। वर्तमान में कहीं भी तेजाब पीड़ितों को राज्य सरकार द्वारा पेंशन देने की व्यवस्था नहीं है हालांकि गृह मंत्रालय द्वारा जरूर निर्भया फंड के तहत अन्य अपराधों की तरह एसिड अटैक के मामले में भी आर्थिक मदद देता है। बताते चलें कि उत्तराखंड में इस समय 11 महिलाएं एसिड अटैक से पीड़ित हैं। इनमें एक नैनीताल जिले की है जबकि शेष देहरादून, हरिद्वार और यूएसनगर जिले से हैं।