Bageshwar: कुंभ में ड्यूटी के दौरान संदिग्धावस्था में हुई थी उत्तराखण्ड पुलिस (police) के जवान की मौत, बिस्तर बंद में लिपटा घर पहुंचा पार्थिव शरीर..
बीते दिनों कुंभ ड्यूटी के दौरान मृत मिले उत्तराखण्ड पुलिस के कांस्टेबल का क्षत विक्षत शव बागेश्वर (Bageshwar) जिले में स्थित उनके पैतृक गांव पहुंच गया है। शव के पैतृक आवास पर पहुंचते ही जहां परिवार में कोहराम मच गया वहीं ताबूत के बजाय बिस्तर बंद में मृतक के शव को देखकर ग्रामीण आग-बबूला हो उठे। आक्रोशित ग्रामीणों ने इसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस (police) के साथ ही उत्तराखण्ड सरकार पर भी सवाल उठाए। इतना ही नहीं शव के सड़े-गले एवं बिस्तर बंद में पैक होने के कारण मृतक के परिजन गणेश के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाए। मृतक की पत्नी अंत तक पति के अंतिम दर्शनों की गुहार लगाते रही परन्तु उसकी यह इच्छा भी उत्तराखण्ड पुलिस की लापरवाही के चलते पूरी नहीं हो पाई। मृतक जवान का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ पैतृक घाट पर किया गया जहां बैजनाथ के थानाध्यक्ष पंकज जोशी के नेतृत्व में पुलिस कर्मियों ने मृतक जवान को गार्ड आफ ऑनर देकर अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। फिलहाल अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि जवान की मौत कब और कैसे हुई?
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले के गरूड़ ब्लाक के रामपुर गांव निवासी गणेश नाथ उत्तराखण्ड पुलिस में बतौर कांस्टेबल कार्यरत थे। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग नैनीताल जिले में थी, जहां से बीते 13 मार्च को उन्हें हरिद्वार कुंभ में ड्यूटी के लिए भेजा गया था। बताया गया है कि कुंभ में ड्यूटी के दौरान वह बैरक के बजाय एक होटल में रह रहे थे। बीते 28 मार्च को उनका शव होटल के बाहर कार से बरामद हुआ। जिसके बाद बीते मंगलवार को पुलिस के जवान मृतक के शव को ताबूत के बजाय बिस्तर बंद में पैक कर उनके घर पहुंचे। एक तो शव बिस्तर बंद में पैक था, ऊपर से शव के सड़े-गले होने के कारण उससे बदबू भी आ रही थी। जिस कारण मृतक की पत्नी पुष्पा देवी और बच्चे जवान के अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाए। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने उत्तराखण्ड पुलिस और राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए लापरवाही का आरोप लगाया। बता दें कि मृतक की पत्नी पुष्पा देवी भी नैनीताल में पुलिस कांस्टेबल पद पर तैनात हैं जबकि उनके भाई कैलाश नाथ और चाची राजस्थान पुलिस में जबकि चचेरा भाई पूरन गोस्वामी उत्तराखंड पुलिस में कार्यरत हैं।
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