Uttarakhand Panchayat election News: उत्तराखंड में 12 जिलो मे पंचायत चुनाव अध्यादेश और आरक्षण अटके हुए, मुखिया विहीन पंचायतो का रुका काम..
Uttarakhand Panchayat election News : उत्तराखंड मे हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी 12 जिलों में संवैधानिक संकट का दौर शुरू हो चुका है क्योंकि अभी तक पंचायत चुनाव को लेकर किसी भी तिथि का ऐलान नहीं किया गया है जिसके तहत 7600 त्री स्तरीय पंचायत को लेकर सरकार दोहरे संकट में आ गई है। ऐसे में पंचायत चुनाव कराना वर्षा काल में एक आपदा की बड़ी चुनौती है जिसकी चिंता सताने लगी है । वहीं मुखिया विहीन चल रही पंचायत में कामकाज ठप पड़ गया है जिसके कारण बीते बुधवार को धामी सरकार की कैबिनेट में इस विशेष मुद्दे को लेकर अनौपचारिक रूप से मंथन किया गया जबकि पंचायत चुनाव शीघ्र करने के दृष्टिगत आरक्षण नियमावली को मंजूरी दी जानी है वहीं अभी प्रशासक कार्यकाल बढ़ाने के लिए पंचायत राज अधिनियम में अध्यादेश के जरिए संशोधन होना भी बाकी है जिसे राजभवन पहले ही वापस लौट चुका है। अध्यादेश और आरक्षण इन दोनों पर पंचायत चुनाव का पेंच फंसा हुआ है जिसके संबंध में परीक्षण के लिए मुख्य सचिव को निर्देशित किया गया है।
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बता दें 7499 ग्राम पंचायतों का 28 मई को कार्यकाल समाप्त होने के बाद , 89 क्षेत्र पंचायतें 30 मई और 12 जिला पंचायतें एक जून से मुखिया विहीन हो गई हैं। जिसे ध्यान मे रखते हुए सरकार ने प्रशासक का कार्यकाल एक वर्ष तक करने के दृष्टिगत पंचायती राज अधिनियम में संशोधन अध्यादेश राजभवन को भेजा था। हालांकि इससे संबंधित पत्रावली में विधायी विभाग की टिप्पणी के आधार पर राजभवन ने यह अध्यादेश वापस लौटा दिया था जिसके कारण पंचायत चुनाव को लेकर स्थिति डामाडोल बनी हुई है । इसके साथ ही पंचायत चुनाव का विषय हाई कोर्ट में भी विचारधीन है और पूर्व में शासन में जो शपथ पत्र दिया गया था उसमे जुलाई में चुनाव कराने की बात कही गई है। पंचायत चुनाव की अन्य औपचारिकताएं पूरी हो गई है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आधार पर पंचायत में ओबीसी आरक्षण को नए सिरे से निर्धारण होना अभी बाकी है। जबकि एकल समर्पित आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद इसके आधार पर आरक्षण का निर्धारण कर लिया गया है लेकिन आरक्षण निर्धारण नियमावली को अभी कैबिनेट से हरी झंडी नहीं मिली है। कैबिनेट बैठक में कुछ सदस्यों का कहना था कि चुनाव जल्द होने चाहिए जबकि कुछ ने अपना मत रखते हुए कहा कि वर्षाकाल में चुनाव कराना किसी चुनौती से कम नहीं है ऐसे मे चुनाव सितंबर तक कराए जाने चाहिए।
आगामी 7 जून को होने जा रही समिति की पहली बैठक (Uttarakhand Panchayat election News)
बता दें पंचायत में तैनात प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद संवैधानिक संकट से बाहर निकलने के लिए सरकार राह तलाश रही है जिसके लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया गया है जिसमे कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में गठित उप समिति में रेखा आर्य और सौरभ बहुगुणा को बतौर सदस्य नामित किया गया है जो 7 जून को मंत्रिमंडलीय उप समिति की पहली बैठक में प्रतिभाग करने वाले हैं जिसमे पंचायती राज अधिनियम में संशोधन अध्यादेश को नए सिरे से प्रस्ताव तैयार करने पर चर्चा की जाएगी।
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