Uttarakhand panchayat elections 2025 : प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर आरक्षण का अंतिम प्रकाशन 18 जून को होगा जारी
Uttarakhand panchayat elections 2025: उत्तराखंड में हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी सभी 12 जिलों के लोगों को पंचायत चुनाव का बेसब्री से इंतजार है जिसके चलते पंचायत चुनाव को लेकर लोगों में उत्सुकता लगातार बढ़ती जा रही है। इसी बीच राजधानी देहरादून जिले की त्रि स्तरीय पंचायतों का अंतिम आरक्षण बीते शुक्रवार को जारी कर दिया गया है। जिसे देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल और जिला पंचायत राज अधिकारी का प्रभार देख रहे उपनिदेशक मनोज तिवारी की ओर से अधिसूचना जारी की गई है। पंचायत चुनाव के संबंध में संभावना है कि 31 जुलाई तक हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी 12 जिलों में पंचायत चुनाव कराये जा सकते हैं बताते चले राजधानी देहरादून में कुल 30 जिला पंचायत सदस्यों में सामान्य महिला के लिए 6 सीटें आरक्षित की गई है जबकि 9 को अनारक्षित, दो अनुसूचित जनजाति, दो अनुसूचित जाति, तीन अनुसूचित जाति महिला, तीन अनुसूचित जनजाति महिला और जिला पंचायत के सदस्य की तीन सिम अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित की गई है।
आरक्षण अंतिम सूची 18 जून को – जानिए उत्तराखंड पंचायत चुनाव की अगली चाल( uttarakhand panchayat chunav)
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार हरिद्वार जिले के अलावा बाकी 12 जिलों में आगामी पंचायत चुनाव को लेकर अंनतिम आरक्षण जारी कर दिया गया है जिसको लेकर दावे आपत्तियां आज 14 जून और 15 जून को प्रस्तावित आरक्षण को आमंत्रित की जाएंगी वहीं चुनाव को लेकर आगामी 16 और 17 जून को जिलाअधिकारी के स्तर से आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। जबकि 18 जून को आरक्षण का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
इसके साथ ही 19 जून को पंचायती राज निदेशालय की ओर से अंतिम तौर पर राज्य निर्वाचन आयोग को आरक्षण का प्रस्ताव सौंपा जाएगा और इसी दिन पंचायत चुनाव की तिथियों को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी। बताते चले शासन ने साफ तौर पर स्पष्ट किया है कि एससी, एस्टी ओबीसी वर्ग का कुल आरक्षण पदों की कुल संख्या के 50% से अधिक नहीं होगा। इसके साथ ही एससी एसटी वर्ग का आरक्षण पदों की कुल संख्या का 50 प्रतिशत होने पर ओबीसी के लिए आरक्षण नहीं होगा।
रचना भट्ट एक अनुभवी मिडिया पेशेवर और लेखिका हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने पत्रकारिता में मास्टर डिग्री प्राप्त की है और समाज, संस्कृति समसामयिक मुद्दों पर अपने विश्लेषणात्मक लेखन के लिए जानी जाती हैं।