पहाड़ में मानसिक रोगी की दवाई हुई खत्म तो देवदूत बनकर सामने आए उत्तराखण्ड पुलिस (Uttarakhand Police) के जवान, दवाई मंगवाकर परिजनों को सौंपी..
कोरोना महामारी के इस बुरे दौर में उत्तराखंड पुलिस के त्याग और समर्पण को हमेशा याद रखा जाएगा। बीते तीन महीनों से उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police)के जवान न केवल अपनी जान की बाजी लगाकर लगातार अपने कर्तव्यों का निर्वाह कर रहे हैं बल्कि गरीब, असहाय एवं जरूरतमंदों की सहायता कर मानवता की मिशाल भी पेश कर रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस के जवानों की एक और ऐसी ही तस्वीर आज राज्य के पिथौरागढ़ जिले से आ रही है जहां पुलिस कर्मियों ने एक मानसिक रोगी की दवाई बरेली से मंगवाकर न सिर्फ उसकी सहायता की है बल्कि उसके परिजनों को भी परेशान होने से बचाया है। पुलिस कर्मियों के द्वारा की गई इस सराहनीय पहल को आज पूरे क्षेत्र में सराहा जा रहा है। हर कोई पुलिस कर्मियों के इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा कर रहा है।
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पुलिस के इस सराहनीय कार्य की हर कोई कर रहा तारीफ, धन्यवाद करते नहीं थक रहे रोगी के परिजन:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के पिथौरागढ़ जिले के बलुवाकोट क्षेत्र में रहने वाले मोहन सिंह का पुत्र शेर सिंह पिछले कई वर्षों से मानसिक रोग से ग्रस्त हैं। परिजनों द्वारा उसका इलाज बरेली के किसी चिकित्सक से कराया जा रहा है। लेकिन लाकडाउन के कारण शेर सिंह के परिजनों को दवाई मंगाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। न तो कोई बरेली जाने वाला मिल रहा था और न ही बरेली के लिए कोई गाड़ी ही चल रही थी। ऐसे में पिथौरागढ़ पुलिस के जवान शेर सिंह के लिए देवदूत बनकर सामने आए। मोहन सिंह की परेशानी को जानकर बलुवाकोट के थाना प्रभारी अनिल कुमार ने न सिर्फ उन्हें शेर सिंह की दवाई मंगवाने का आश्वासन दिया बल्कि अपने अथक प्रयासों से बरेली से दवाई मंगवाकर उस आश्वासन को पूरा भी किया। दवा मिलने के बाद मोहन सिंह काफी खुश हैं और थाना प्रभारी का धन्यवाद करते नहीं थक रहे हैं। उनका कहना है कि थाना प्रभारी ने न केवल ऐसी विपरीत परिस्थितियों में उनकी सहायता की है बल्कि उनके बेटे को एक नया जीवन भी प्रदान किया है।
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