उत्तराखण्ड की पहाड़ी संस्कृति अब अपने चरम पर है और विश्वस्तर पर अपनी एक विशेष छाप छोड़ रही है , इसका भी जीता जागता उदाहरण है, वो विदेशी लड़किया जो पहाड़ी संस्कृति से प्रभावित होकर अब उत्तराखण्ड आकर विवाह कर रही है। वैसे तो उत्तराखण्ड में बहुत विदेशी लड़किया पहाड़ी रीती रिवाज में शादी कर यहाँ दुल्हन बन के आई है , इसी कड़ी को बरकार रखते हुए फिर एक बार सात समंदर पार से विदेशी लड़की उत्तराखण्ड पहुंच कर पहाड़ी दुल्हनिया बन गयी है। जी हां बैसाखी पर्व पर उत्तरकाशी के प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर में रूस की एलेना और प्रभात बिष्ट परिणय सूत्र में बंध गए। उनका विवाह पहाड़ी रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुआ। दोनों नवदंपती ने सात फेरे लेने के बाद बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद भी लिया।
बता दे की रविवार को रूस की एलेना व ज्ञानसू (उत्तरकाशी) निवासी प्रभात बिष्ट का विवाह पहाड़ी रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुआ। सबसे खाश बात तो ये थी की शादी समारोह में प्रभात के परिजनों के साथ ही एलेना की मां वीरा वेलचावर, पिता एवजिनी वेलचावर व उसकी दोस्त ऐरिना एल्टीमोनिको समेत लगभग 50 अन्य लोग भी मौजूद थे। अब बात आती है की पहाड़ी लड़के और विदेशी लड़की का मिलन हुआ कैसे तो बताते चले की प्रभात की मुलाकात वर्ष 2016 में दुबई में एलेना से हुई थी। तब दोनों दुबई के एक होटल में काम किया करते थे। दोनों एक दूसरे के काफी अच्छे दोस्त थे और ये दोस्ती कब प्यार में तब्दील हुई उन्हें इस बात का अंदाजा खुद नहीं लगा। इस बिच दोनों ने एक दूसरे के रीती रिवाजो को समझा और इतना ही नहीं शादी से पहले एलेना भारतीय संस्कृति को जानने के लिए दो बार भारत भी आईं। बीती 12 अप्रैल को एलेना अपने माता-पिता और एक दोस्त के साथ उत्तरकाशी पहुंची और काशी विश्वनाथ मंदिर में रविवार को पहाड़ी रीति-रिवाजों के अनुसार दोनों का विवाह संपन्न हुआ।