26 जुलाई -विजय दिवस के रूप में मनाकर, कारगिल युद्द में अपनी मौन मूक सहादत देने वाले वीर सपूतो को श्रद्धासुमन अर्पित की जाती है जिसमे देश भर के सभी जवानो की सहादत को याद किया जाता है। बता दे की 1999 में पाकिस्तान को धूल चटाकर अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों की याद में पूरा देश कारगिल विजय दिवस माना रहा है। कारगिल एक ऐसा दुर्गम युद्ध क्षेत्र है जहां भारतीय वीरों ने वर्ष 1999 में अपनी जान की बाजी लगाकर पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ा था।
उत्तराखंड के वीरो की कारगिल युद्द में शहादत : कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के वीरों ने अपने साहस की जो इबारत लिखी वो भारतीय सैन्य इतिहास का हिस्सा बनकर भविष्य में युवाओं को राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा देती रहेगी। कारगिल में टोलोलिंग पर्वत चोटी से लेकर द्रास सेक्टर तक दुश्मनों को जड़ से उखाड़ने में उत्तराखंड के वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के सर्वाधिक रणबांकुरों ने दुश्मन को देश की सरहद से बाहर खदेड़ते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर किया। राज्य के 75 रणबांकुरें कारगिल युद्ध में शहीद हुए।
राज्य के 30 सैनिकों को उनके अदम्य साहस के लिए वीरता पदकों से अलंकृत किया। राज्य की कुमाऊं और गढ़वाल रेजिमेंट ने कारगिल युद्ध में दुश्मन को मार भगाने में अहम योगदान दिया है। इसमें गढवाल रेजिमेंट के 54 सैनिक शहीद हुए थे। कुमाऊं रेजिमेंट के 12 जवान शहीद हुए थे। कारगिल युद्ध में भाग लेने वाली लगभग हर रेजिमेंट में उत्तराखंड के बहादुर सैनिक शामिल थे। भारतीय सेना ने 524 सैनिकों को खोया तो वहीं 1363 गंभीर रूप से घायल हुए। पाकिस्तानी सेना के लगभग चार हजार सैन्य बलों के जवान मारे गए।
रेजीमेंटों में उत्तराखंड के शहीद
गढ़वाल राइफल- 54
नागा रेजिमेंट- 19
कुमाऊं रेजिमेंट- 12
पैरा रेजिमेंट- 9
गोरखा राइफल्स- 3
पांच विकास- 3
इंजीनियिरंग- 2
महार रेजिमेंट- 1
गार्डस रेजिमेंट- 1
आरआर- 1
राजपूताना राइफल्स- 1
एयरफोर्स- 1
जे एंड रेजिमेंट- 1
लद्दाख स्काउट- 1
कारगिल युद्ध में जिलावार शहीद
देहरादून- 14
अल्मोड़ा- 3
बागेश्वर- 3
चमोली- 7
चंपावत-
लैंसडौन- 10
नैनीताल- 5
पौड़ी- 3
पिथौरागढ़- 4
रुद्रप्रयाग- 3
टिहरी- 11
उधम सिंह नगर- 2
उत्तरकाशी- 1
पदक से अलंकृत सैनिक
मेजर विवेक गुप्ता – महावीर चक्र
मेजर राजेश सिंह भंडारी- महावीर चक्र
नाइक ब्रिजमोहन सिंह – वीर चक्र
नाइक कश्मीर सिंह – वीर चक्र
ग्रुप कैप्टन एके सिन्हा – वीर चक्र
आनरेरी कैप्टन खुशीमन गुरुंग – वीरचक्र
राइफलमैन कुलदीप सिंह – वीर चक्र
लेफ्टिनेंट गौतम गुरुंग – सेना मेडल
सिपाही चंदन सिंह – सेना मेडल
लांस नाइक देवेंद्र प्रसाद – सेना मेडल
नाइक शिव सिंह – सेना मेडल
नायक जगत सिंह – सेना मेडल
राइफलमैन ढब्बल सिंह – सेना मेडल
लांस नाइक सुरमन सिंह – सेना मेडल
आनरेरी कैप्टन ए हेनी माओ – सेना मेडल
आनरेरी कैप्टन चंद्र सिंह – सेना मेडल
नोट- उपरोक्त आकड़े विभिन्न ऑनलाइन श्रोतो से लिए गए है।
प्वाइंट 4700 पर गढ़वाल राइफल का दम
द्रास सेक्टर के प्वाइंट 4700 पर सर्वाधिक सैनिक शहीद हुए। 2 राजपूताना राइफल और 18 गढ़वाल राइफल के रणबांकुरों ने 30 जून की रात को चोटी पर हमला बोला। 18 गढ़वाल के नायक कश्मीर सिंह, राइफलमैन अनसूया प्रसाद और कुलदीप सिंह दल का हिस्सा थे। तीनों वीरों ने घायल होने बावजूद दर्जन भर दुश्मनों को मार गिराया। देश के सभी जवानो के साथ साथ उत्तराखण्ड़ के इन जाबांज शहीदो को देवभूमि दर्शन की ओर से श्रद्धासुमन अर्पित।