बागेश्वर के सक्षम रौतेला(Saksham Rautela) ने शंतरज का दूसरा सर्वोच्च खिताब इंटरनेशनल(International) मास्टर (आईएम) हासिल कर रचा इतिहास, ऐसा करने वाले बने प्रदेश के पहले शंतरज(Chess) खिलाड़ी..
आज देवभूमि उत्तराखंड के युवा हर क्षेत्र में छाए हुए हैं। वह अपने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी टक्कर देकर न सिर्फ अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं बल्कि देश-विदेश में उत्तराखंड का नाम भी रोशन कर रहे हैं। आज हम आपको राज्य के एक और ऐसे ही होनहार युवा से रूबरू करा रहे हैं जिसने अपनी कुशाग्र बुद्धि के बलबूते छोटी सी उम्र में बहुत बढ़ा खिताब हासिल कर लिया है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के बागेश्वर जिले के रहने वाले सक्षम रौतेला(Saksham Rautela) की, जिन्हें विश्व शतरंज संस्था फीडे द्वारा शतरंज के दूसरे सर्वोच्च खिताब इंटरनेशनल मास्टर (आईएम) के खिताब से नवाजा गया है। सबसे खास बात तो यह है कि देश के चुनिंदा 125 आईएम में शामिल होने वाले सक्षम न सिर्फ यह खिताब पाने वाले प्रदेश के पहले खिलाड़ी हैं बल्कि उत्तर भारत के एकमात्र आईएम भी हैं जो देश के टॉप 50 खिलाड़ियों में शामिल हुए हैं। इंटरनेशनल(International) मास्टर बनें सक्षम की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिजन काफी खुश हैं वहीं पूरे क्षेत्र में हर्षोल्लास का माहौल है। शतरंज(Chess)खिलाड़ी सक्षम ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपनी माता किरन रौतेला और पिता बालम सिंह रौतेला के साथ ही अपने शतरंज कोचों को दिया हैं।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: त्यारकूड़ा गावं के शुभम तिवारी का डांस शो – इंडिया टैलेंट फाइट-2 सीजन के लिए हुआ चयन
सक्षम के पदचिन्हों पर ही चल रहा है उनका छोटा भाई सदभव भी, पिछले साल बना था अंडर-9 आयु वर्ग में एशिया के नंबर वन शतरंज खिलाड़ी:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के बागेश्वर जिले के कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल में 12 वीं कक्षा में पढ़ने वाले सक्षम रौतेला को विश्व शतरंज संस्था फीडे ने इंटरनेशनल मास्टर (आईएम) के खिताब से नवाजा है। बता दें कि ऑल इंडिया चेस फेडरेशन (एआईसीएफ) की ओर से जारी आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में भारत में 66 ग्रैंड मास्टर और 125 इंटरनेशन मास्टर (आईएम) हैं। जिनमें सक्षम रौतेला भी शामिल हैं। वर्ष 2012-13 में शतरंज खेलना शुरू करने वाले सक्षम का कहना है कि अब उनका लक्ष्य ग्रैंड मास्टर(जीएम) बनना है। सक्षम कहते हैं कि साल 2019 उनके लिए बहुत निर्णायक रहा क्योंकि एक तरफ तो वह हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा देने जा रहे थे वहीं दूसरी ओर शतरंज में वह काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी कड़ी मेहनत का ही परिणाम रहा कि उन्होंने न सिर्फ हाईस्कूल की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की बल्कि आईएम का खिताब भी हासिल किया। जिसके लिए उन्होंने जहां दिसंबर 2019 में आईएम का अपना पहला नॉर्म पूरा किया वहीं जनवरी फरवरी 2020 में लगातार दूसरा और तीसरा नॉर्म भी हासिल कर लिया। जिसके बाद ही उन्हें सितम्बर में आयोजित हुई फीडे की मीटिंग में आईएम के खिताब से नवाजा गया। बताते चलें कि सक्षम के छोटे भाई सदभव भी उन्हीं के पद चिन्हों पर चल रहे हैं। पिछले साल ही सदभव शंतरज के अंडर-9 आयु वर्ग में एशिया के नंबर वन शतरंज खिलाड़ी बने थे।
यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड के महज 8 वर्ष के सदभव रौतेला ने हासिल किया एशिया के नंबर वन शतरंज खिलाड़ी का खिताब