उत्तराखण्ड
उत्तराखंड: दुपहिया वाहन और चौपहिया वाहनों के लिए आए अहम निर्देश, जानें क्या रहेगा नया रूल….
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Uttarakhand Traffic Rules मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दुपहिया वाहनों के पीछे बैठने वाले सवारियों को हेलमेट लगाने व चौपहिया वाहन मे सभी लोगों को सीट बेल्ट लगाने के दिए निर्देश …
Uttarakhand Traffic rules उत्तराखंड मे इन दिनों प्रत्येक कोने से लगातर दुर्घटनाओं की खबरे सामने आ रही है जिसमें अभी तक बहुत सारे लोग अपनी जान गवा चुके है इन सड़क हादसों की वजह चाहें जो कुछ भी हो लेकिन इन हादसों के चलते मौतों के आकंडे लगातार बढ़ रहे है। प्रदेश मे लगातार घटित हो रहे हादसों के चलते मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में राज्य सड़क सुरक्षा कोष प्रबंधन समिति की बैठक की जिसमें उन्होंने दोपहिया वाहन पर बैठी पीछे की सवारी के लिए हेलमेट को अनिवार्य किया है वहीं चौपहिया वाहन मे भी सीट बेल्ट की अनिवार्यता को रखा गया है।
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Uttarakhand Traffic News प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते सोमवार को प्रदेश मे मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य सड़क सुरक्षा कोष प्रबंध समिति की बैठक की जिसमें उन्होंने दोपहिया वाहन पर बैठी पीछे की सवारी के लिए हेलमेट पहनने की अनिवार्यता रखी है इसके साथ ही चौपहिया वाहन में भी सीट बेल्ट की अनिवार्यता को रखा गया है। मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग से सड़क दुर्घटनाओं के बाद हुए डेथ ऑडिट के फलस्वरुप उठाए गए सुधारात्मक कदमों पर रिपोर्ट तलब की है। दरअसल बैठक के दौरान उन्होंने पूरी तरह से फेसलेस चालान सिस्टम को लागू करने और राज्य की सभी सीमाओं से लेकर सभी मुख्य मार्गों पर एएनपीआर कैमरे के साथ ही शहरों में ड्रोन कैमरे से ट्रैफिक व्यवस्था की मॉनिटरिंग एवं चालान करने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं शिक्षा विभाग को सड़क सुरक्षा के संबंध में जागरूक करने को भी कहा और ट्रैफिक सिग्नल को एएनपीआर तथा आरएलवीडी सिस्टम से अपग्रेड करने के भी निर्देश दिए।
कार्ययोजना पर तत्परता से काम करने के निर्देश
मुख्यसचिव ने दुपहिया वाहनों पर पीछे बैठने वालों के लिए हेलमेट पहनने व चौपहिया में सभी के लिए सीट बेल्ट के नियम को सख्ती से लागू करवाने के निर्देश दिए इसके साथ ही पुलिस विभाग को सड़क सुरक्षा एवं यातायात जागरूकता के लिए आधिकारिक सोशल मीडिया के माध्यम से जन जागरूकता कार्य करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने हिट एंड रन व गुड समेरिटन के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश देते हुए राज्य के सभी मार्गों पर वैज्ञानिक तरीके से गति सीमा के निर्धारण की कार्य योजना पर तत्परता से काम करने को कहा है। बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि पिछले 67 गुड समेरिटन यानी सड़क हादसे में लोगों को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने, घायलों को अस्पताल पहुंचवाने, एंबुलेंस न मिलने पर अपने वाहन से अस्पताल पहुंचाने, रक्त उपलब्ध करवाने वालों को 10 लाख की धनराशि आवंटित की गई है। जबकि वर्ष 2024- 26 में इसके लिए 10 लाख की धनराशि प्रस्तावित है इस बैठक में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार समेत प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु व सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, वी षणमुगम और भी अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
प्रदेशभर में ड्रोन से होगी निगरानी
ट्रैफिक व्यवस्था को हाईटेक एवं अपडेट करने की दृष्टि से मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी 13 जिलों में ड्रोन सेवाओं की व्यवस्था और ट्रैफिक सिग्नल को एएनपीआर तथा आरएलवीडी सिस्टम से लैस करने, हाईटेक मोटर बाइक, कैमरों के साथ रडार स्पीड साइन बोर्ड, डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड व वेरिएबल मैसेज डिस्प्ले बोर्ड लगाने, ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के लिए बॉडी वॉर्न कैमरा समेत एल्कोमीटर, ब्रीथ एनालाइजर, पोर्टेबल साउंड सिस्टम जैसे आधुनिकतम टेक्नॉलाजी सिस्टम को लागू करने की वित्तीय एवं सैद्धान्तिक स्वीकृति दी है। जिसके चलते उन्होंने जीरो एक्सीडेंट राज्य के विजन के साथ कार्य करने की सख्त हिदायत देते हुए लोक निर्माण विभाग को द्वितीय वर्ष 2024 – 25 के लिए सुरक्षात्मक कार्यों के तहत क्रैश बैरियर लगाने और रोड डेलीनेटर, कैट आई ब्लैक स्पॉट पर सुधारात्मक कार्य करने समेत अन्य कार्यों की वित्तीय एवं सैद्धांतिक स्वीकृति भी प्रदान की है।
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