पिता और दो पुत्रों ने रचा इतिहास, असंभव लगने वाली टिहरी झील (Tehri Lake) को आसानी से तैरकर किया पार…
42 वर्ग किलोमीटर में फैली टिहरी झील (Tehri Lake) को तैरकर पार करना शायद आपको असंभव सा लगता हों, इस तरह की बातों पर कोई विश्वास भी कैसे कर सकता है परन्तु बीते गुरुवार को यह उस समय वास्तविकता में बदल गया जब टिहरी गढ़वाल जिले के रहने वाले तीन वाशिंदों ने इसे तैरकर पार किया। यह कीर्तिमान स्थापित कर इतिहास रचने वाले व्यक्तियों में त्रिलोक सिंह रावत और उनके दो बेटे शामिल हैं। बताया गया है कि त्रिलोक ने सवा 12 किलोमीटर तैरकर जहां यह कीर्तिमान सवा चार घंटे में हासिल किया वहीं उनके दोनों पुत्रों को यह दूरी तय करने में महज साढ़े तीन घंटे लगे। टिहरी झील को तैरकर पार करने वाले त्रिलोक का कहना है कि उन्होंने अपनी प्रतिभा और हुनर दिखाने के लिए ही टिहरी झील को तैरकर पार करने का फैसला किया था जिसके लिए बकायदा टिहरी गढ़वाल जिला प्रशासन से अनुमति भी ली गई थी। यह भी पढ़ें- उत्तराखंड की वंदना ने ओलंपिक में रचा इतिहास, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगा दी हैट्रिक
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के प्रतापनगर के मोटणा गांव निवासी त्रिलोक सिंह रावत और उनके दो पुत्र ऋषभ और पारसवीर बीते गुरुवार को सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा तैनात किए गए आइटीबीपी की टीम की निगरानी में टिहरी झील में उतरे। बताया गया है कि त्रिलोक और उनके बेटों ने कोटी कालोनी से भल्डियाणा तक सवा 12 किलोमीटर दूरी तैरकर तय की। अपनी सफलता से काफी उत्साहित त्रिलोक ने बताया कि टिहरी झील में तैरना काफी कठिन था परंतु वह अपने बेटों के साथ बीते कई वर्षों से अपने गांव के पास झील के बैकवाटर में ही प्रैक्टिस करते थे। जिस कारण टिहरी झील को तैरकर पार करने में उन्हें बिल्कुल भी कठिनाई नहीं हुई। बताते चलें कि त्रिलोक का बड़ा बेटा ऋषभ जहां 12वीं में पढ़ता है वहीं छोटा बेटा पारसवीर 10वीं कक्षा का छात्र है। त्रिलोक के साथ ही उनके दोनों बेटों का कहना है कि भविष्य में वह इससे ज्यादा दूरी तय कर कीर्तिमान रचने का पुनः प्रयास करेंगे।