Haat Kalika Kumaon Regiment: कुमाऊं रेजिमेंट की आराध्य देवी हैं मां हाट कालिका
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कहते हैं कि इस स्थान पर माता महाकाली का आधी रात में डोला चलता है इस डोले में मां अपने सभी गणों तथा पवित्र आत्माओं के साथ ढोल नगाड़ों के साथ नाचती है और जो कोई भी मां के इस दिव्य डोला को छू लेता है तो उसे अलौकिक एवं दिव्य शक्ति की प्राप्ति होती है। तमाम किस्सों और कहानियों से जुड़ा हाटकाली मंदिर कुमाऊं ही नहीं बल्कि कुमाऊं रेजिमेंट के बीच भी काफी प्रचलित है। यह मां कुमाऊं रेजिमेंट के आराध्या एवं इष्ट देवी कहीं जाती है। इस मंदिर के रखरखाव एवं सभी कार्य सैनिकों के ही द्वारा किया जाता है। जब भी कुमाऊं रेजिमेंट के द्वारा कोई भी शुभ कार्य किया जाता है तो पहले मां हाट कालिका की पूजा करते है। कोई भी कार्य करने से पहले सभी सैनिक एवं वीर जवान मां हाट कालिका के दर्शन अवश्य करते हैं। यह कुमाऊं रेजिमेंट की रक्षक देवी कहलाती है। इनका जीत का नारा हाट कालिका के नाम पर “मां कालिका की जय “ है। जहां-जहां कुमाऊं रेजिमेंट के सैनिक निवास करते हैं वहां–वहां हाट कालिका का मंदिर स्थापित किया जाता है। मां हाटकालिका इन वीर सैनिकों की रक्षा के साथ-साथ इनके खून में जोश और जुनून भरती है। किसी भी युद्ध एवं मिशन पर जाने से पहले सभी सैनिकों मां के दर्शन अवश्य करते हैं और मां हाट कालिका सदैव उनकी रक्षा करती है।
(Haat Kalika Kumaon Regiment)
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बता दें कि कुमाऊं रेजिमेंट से मां हाट कालिका का रिश्ता बड़ा ही पुराना है। कहते हैं कि एक बार जब सेना के जहाज के कुछ खराबी के कारण वह डूबने लग गया था तो सभी सैनिक अपने घर वालों को याद करने लगे। तब उन सेना के टुकड़ी में एक जवान में पिथौरागढ़ का भी था जिसने मां हाट कालिका को पुकारा था और सभी की रक्षा करने की बात कही थी। देखते ही देखते जहाज एक किनारा लग गया और सभी की जाने बच गई। तब से कुमाऊं रेजिमेंट के द्वारा मां की पूजा बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से की जाती है। मां हाट काली भी सभी सैनिकों की रक्षा कर उनके सभी कार्य बनाती है। महाकाली के रूप में बिराजने वाली हाट कालिका बड़ी ही करुणामई और दयालु है। यह भक्तों पर अपनी बड़ी कृपा दर्शाती है। जो कोई भी भक्तगण मां के चरणों में श्रद्धावश शीश झुकाता है तो मां हाट कालिका उनके सारे संकट को हर लेती है। उनके रोग शोक एवं दरिद्रा का विनाश करती है।यह मां हाटकालिंका भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि सदैव बनाए रखती है। जो कोई भी भक्त जहां कहीं भी संकट में हो मां उसकी अवश्य रक्षा करती है। उस पर मां अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखती है। इस मंदिर में मांगी जाने वाली मुराद कभी खाली नहीं जाती। महाकाली अपने भक्तों के सारे कष्ट एवं दुख हर लेती है तथा भक्तों द्वारा भी मुराद पूरी होने पर मां को प्रसाद एवं घंटा चढ़ाया जाता है।
तो ये थे उत्तराखंड की प्रसिद्ध मां हाट काली मंदिर के बारे में कुछ रोचक तथ्य, जो अपने भक्तों की रक्षा के लिए हर संभव भक्तों के साथ खड़ी रहती है। इसे कुमाऊं रेजिमेंट की रक्षक देवी भी कहा जाता है। जिनके कारण कुमाऊं रजीमेंट के सैनिकों के सभी कार्य पूर्ण होता है।
(Haat Kalika Kumaon Regiment)