Uttarkashi Disaster: लम्बे समय बाद महज 15 दिन पहले बेटी के साथ घर आई थी रितु, रविवार को आए जलसैलाब ने लील ली दोनों की जिंदगी..
उत्तराखण्ड में बारिश का तांडव जारी है। राज्य के कई हिस्सों से बादल फटने की दुखद खबरें लगातार सामने आ रही है। बीते रोज ही राज्य के उत्तरकाशी जिले के मांडो गांव में बादल फटने से भारी तबाही देखने को मिली थी। इस भीषण आपदा (Uttarkashi Disaster) में दो महिलाओं समेत तीन लोगों की मलबे में दबकर मौत हो गई थी। बता दें कि ये तीनों मृतक एक ही परिवार के सदस्य थे। मलबे में दबकर अपनी जान गंवाने वाली माधुरी और रितु रिश्ते में देवरानी-जेठानी थीं। रितु एक साफ्टवेयर इंजीनियर थी जो महज 15 दिन पहले ही अपनी छः वर्षीय मासूम बेटी के साथ लम्बे समय बाद अपने गांव आई थी। इस दुखद हादसे से मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है वहीं पूरे क्षेत्र में भी शोक की लहर है। समूचे मांडो गांव में तो जैसे इस समय मातम ही पसरा हुआ है।
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गौरतलब है कि उत्तरकाशी जिले के मांडो गांव में बीते रविवार की रात मौसम ने अपना कहर बरपाया था। मौसम का यह कहर मांडों गांव निवासी देवानंद भट्ट और उसके छोटे भाई दीपक भट्ट के परिवार पर तो दुखों का पहाड़ बनकर टूटा था। इस भयावह आपदा में। देवानंद की पत्नी माधुरी और दीपक की पत्नी रितु और उसकी छ: वर्षीय बेटी की मौके पर ही मौत हो गई थी। बताते चलें कि दीपक अपनी पत्नी रितु के साथ दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत था। कोरोना के कारण कंपनी में वर्क फ्राम होम चल रहा था जिस वजह से रितु अपनी बेटी को लेकर अपने गांव आ गई थी और यहीं से अपने ऑफिस का काम भी निपटा रही थी परंतु उसे क्या पता था कि यहां एक भीषण आपदा उसका इंतज़ार कर रही है जो उसके हंसते-खेलते परिवार को बुरी तरह तबाह कर देगी।
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