उत्तराखण्ड को क्यों कहते हैं देवभूमी????
गंगोत्री
गंगोत्री उत्तराखण्ड में वह स्थान है जंहा राजा भागीरथ ने अपने पूर्वजो की मुक्ति के लिए गंगा जी (प्राचीन नाम भागीरथी ) को पृथ्वी पे उतारा था।
गंगोत्री नदी गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है जो गंगोत्री शहर से लगभग 18 किमी दूर है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित, गंगोत्री का मूल मंदिर 19वीं शताब्दी में बनाया गया था।
यमुनोत्री
यमुनोत्री उत्तराखण्ड में वो जगह है जंहा भारत की दूसरी सबसे पवित्र नदी यमुना नदी का उद्गम स्थल है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धाम तीर्थ यात्रा में प्रथम पड़ाव है। ऐसा माना जाता है कि उसके पानी में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते है और असामान्य और दर्दनाक मौत से बचा जा सकता है। माना जाता है कि यमुनोत्री का मंदिर 1839 में टिहरी के राजा नरेश सुदर्शन शाह द्वारा बनाया गया था। यमुना देवी (देवी) के अलावा, गंगा देवी की मूर्ति भी मंदिर में स्थित है। मंदिर के पास कई गर्म पानी के झरने हैं; उनके बीच सूर्य कुंड सबसे महत्वपूर्ण है। इस कुंड में चावल और आलू उबालें जाते है और इसे देवी के प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता हैं।