Uttarakhand: उत्तराखंड के भीतर मैदानी क्षेत्रों से पर्वतीय क्षेत्रों(Hills Area) को जाने के लिए भी गाइडलाइन हुई जारी
समूचा उत्तराखण्ड(Uttarakhand) इन दिनों वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते कहर से हलकान है। आम जनमानस के साथ ही कैबिनेट मंत्री तक सभी बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का रोना रो रहे हैं। इसका अंदाजा इस से भी लगाया जा सकता है कि कैबिनेट के चार-पांच मंत्री तो सरकार से सम्पूर्ण लाकडाउन लगाने की पैरवी भी कर चुके हैं। बहरहाल सरकार ने अभी तक राज्य में संपूर्ण लाकडाउन तो नहीं लगाया परंतु आगामी 18 मई तक पूर्ण लाकडाउन के समान सख्त कोरोना कर्फ्यू के आदेश जारी कर दिए हैं। ये कोरोना कर्फ्यू कैसा होगा इसका अंदाजा सरकार द्वारा गाइडलाइंस में जारी प्रतिबंधों से भी लगाया जा सकता है। इसका एक छोटा सा उदाहरण है राज्य के मैदानी क्षेत्रों से पर्वतीय क्षेत्रों(Hills Area) में जाने के लिए भी अब आपको कोरोना की नेगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखानी होगी। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस में स्पष्ट किया गया है कि देहरादून, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, पौड़ी और नैनीताल के मैदानी क्षेत्रों से पर्वतीय क्षेत्रों को जाने वाले यात्रियों को आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा 11 मई से 18 मई तक लगाएं गए सख्त कोरोना कर्फ्यू के दौरान अब राज्य के मैदानी क्षेत्रों से पर्वतीय क्षेत्रों में जाने वाले यात्रियों को कोरोना की अधिकतम 72 घंटे पुरानी नेगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। इसी के आधार पर पर्वतीय क्षेत्रों में प्रवेश दिया जाएगा। अगर आपके पास कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट नहीं है तो संबंधित जिला प्रशासनों द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों के प्रवेश मार्गों पर कोरोना जांच की जाएगी। जिसकी रिपोर्ट आने तक आपको बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासियों की तरह गांव में बने क्वारंटीन सेंटर में क्वारंटीन रहना होगा। बता दें कि अभी तक यह व्यवस्था केवल दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने वाले प्रवासियों के लिए ही लागू की गई थी परन्तु मैदानी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण अब राज्य सरकार द्वारा इसे उत्तराखण्ड के अंदर भी लागू कर दिया गया है। फिलहाल इस श्रेणी में देहरादून, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जनपदों के मैदानी क्षेत्रों को रखा गया है। अर्थात यहां से पहाड़ जाने वाले लोगों के लिए ही कोरोना की अधिकतम 72 घंटे पुरानी आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है।
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