पहाड़ की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं (Uttarakhand Medical Services) ने ली एक और युवती की जान, परिवार में मचा कोहराम..
पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं (Uttarakhand Medical Services) की बदहाली से न जानें कितने लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। लेकिन फिर भी पहाड़ो में हालात ज्यों के त्यों ही है। ऐसा ही एक ताजा मामला राज्य के बागेश्वर जिले से है जहाँ स्वास्थ्य की लचर व्यवस्थाओं के चलते अयारतोली गांव एक किशोरी की जान ले ली। जानकारी के अनुसार 17 वर्षीया राधा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैजनाथ में किसी चिकित्सक से चेकअप कराया। उसने जरुरी टेस्ट, अल्ट्रासाउंड आदि कराया। सारे रिपोर्ट आने के बाद राधा को बीते 16 जुलाई को अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां चिकित्सकों ने कुछ देर बाद दवा आदि देकर उसे डिस्चार्ज कर दिया। लेकिन दवाई से फर्क होने की बजाय 18 जुलाई की रात को उसकी हालत खराब हो गई। जिसके चलते परिजन उसे सीएचसी बैजनाथ इलाज के लाए। वहां तैनात स्टाफ ने चिकित्सक ना होने की बात कही और उसे एडमिट नही किया। जिस वजह से पीड़ित के परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल बागेश्वर ले आए। राधा यहा भी दो दिन अस्पताल में पड़ी रही। लेकिन यहां भी जब उसके हालत में सुधार नही हुआ तो उसे 20 जुलाई को फिर रेफर कर दिया।
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बता दें कि परिजन उसे हल्द्वानी के सुशाीला तिवारी अस्पताल, बरेली के राममूर्ति, दिल्ली के गंगाराम आदि अस्पतालों में ले गए। जहाँ उसके स्वास्थ्य में कोई फर्क नहीं हुआ। इलाज के नाम पर परिजनों से लाखों रुपए मांगे गए और अंत में परिजन राधा को फिर से हल्द्वानी ले आए जहां उसने दम तोड़ दिया। परिजनों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बेहद आक्रोश है। राधा के पिता संतोष पांडे समेत सभी ने बच्ची की मौत का जिम्मेदार स्वास्थ्य महकमे का माना है। उन्होंने कहा कि सारी जांच रिपोर्ट चिकित्सकों के हाथ में थी। फिर भी वह नही बता पाए की उसके लीवर में दिक्कत है और क्या उचित उपचार हैं।