Uttarakhand Tunnel Project: 2023 तक बनेगी उत्तराखंड की सबसे लंबी डबल लेन सुरंग, पचास फीसदी कार्य हुआ पूरा, ये होगी देश की पहली अत्याधुनिक टनल..
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट आलवेदर रोड का निर्माण कार्य इन दिनों गढ़वाल मंडल में पूरे जोर-शोर से चल रहा है। प्रधानमंत्री के इसी ड्रीम प्रोजेक्ट के अंदर यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा और जंगलचट्टी के बीच उत्तराखण्ड की सबसे लम्बी डबल लेन सुरंग का निर्माण (Uttarakhand Tunnel Project) कार्य भी शुरू हो चुका है। लगभग 4.5 किमी लम्बी इस सुरंग के निर्मित हो जाने पर जहां गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच की दूरी लगभग 31.5 किमी कम हो जाएगी वहीं चारधाम यात्रा को के सुगम हो जाने के साथ ही सर्दियों में राड़ी टाप में बर्फबारी के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग के बाधित हो जाने की समस्या से भी निजात मिलेगी। विदित हो कि धरासू से यमुनोत्री के अंतिम सड़क पड़ाव जानकीचट्टी की दूरी लगभग 106 किमी है। सर्दियों में बर्फबारी के कारण समुद्रतल से सात हजार फीट की ऊंचाई वाले राड़ी टाप क्षेत्र में यमुनोत्री राजमार्ग पूरी तरह बाधित हो जाता है, जिससे यमुना घाटी के तीन तहसील मुख्यालयों बड़कोट, पुरोला और मोरी का जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से संपर्क कट जाता है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट आलवेदर रोड के अंतर्गत यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा और जंगलचट्टी के बीच डबल लेन सुरंग का निर्माण कार्य इन दिनों युद्ध स्तर पर चल रहा है, अभी तक लगभग 2.5 किमी सुरंग का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। बता दें कि यह सुरंग जहां राज्य की सबसे लम्बी डबल लेन सुरंग होगी वहीं समूचे देश की पहली अत्याधुनिक सुरंग भी होगी। इस संबंध में राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड के जनरल मैनेजर कर्नल दीपक पाटिल का कहना है कि इस अत्याधुनिक सुरंग का निर्माण न्यू आस्टियन टनलिंग मैथड से किया जा रहा है। इस मैथड से निर्मित होने वाली यह देश की पहली सुरंग है। जिसका निर्माण जुलाई 2023 तक पूर्ण हो जाएगा। वह कहते हैं कि एनएटीएम वर्तमान में सुरंग बनाने की विश्व में सर्वाधिक प्रचलित पद्धति है। जिसमें चट्टान तोड़ने के लिए तो डिलिंग और ब्लास्टिंग दोनों का प्रयोग किया जाता है परन्तु खोदाई के दौरान चट्टानों का अध्ययन और निगरानी कंप्यूटराइज्ड मशीनों के जरिए होती है।
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